आखिर सरकारी स्‍कूलों के छात्र कैसे पढ़ेंगे , शुरू हुआ नया सत्र

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में शिक्षा के दावे कमजोर दिखाई पड़ रहे हैं। आधुनिक सुविधाओं की दौड़ में छात्रों के पास पढ़ने के लिए किताबें नहीं हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले एक सप्ताह से नए सत्र की पढ़ाई करवाई जा रही है और शिक्षा विभाग की अव्यवस्था के कारण विद्यार्थियों की पुरानी किताबों से काम चला रहे हैं।

दो साल पहले वर्ष-2020 की किताबों से विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यार्थियों से प्राप्त किताबें भी छात्रों में पूरी नहीं पड़ रही हैं। जिले में 700 से ज्यादा राजकीय स्कूल हैं। सभी स्कूलों के शिक्षकों को मुख्यालय का मुंह ताकना पड़ रहा है। विद्यार्थियों को अपने स्तर पर पुस्तकों की व्यवस्था करनी पड़ रही है। कक्षा पास कर चुके विद्यार्थियों से पुस्तकें मंगवाकर छात्रों को इस समय पढ़ाई करवाई जा रही है, जिससे पुस्तकें भी कम पड़ रही हैं। इस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है।

बेहतर शिक्षा के दावों में पढ़ाई हो रही प्रभावित:
सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तरह बनाने और निजी स्कूलों की तरफ से बच्चों के अभिभावकों को एक दुकान से किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने वाले स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जाती है। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी स्कूलों में किताबों के लिए तरस रहे हैं। विभाग के पास अब तक सरकारी स्कूलों में छात्रों को देने के लिए किताबें नहीं पहुंची हैं। इससे जहां अध्यापकों को परेशानी हो रही है। वहीं अभिभावक भी शिक्षा विभाग की कारगुजारी को लेकर परेशान हैं।

मजबूरी में निजी दुकानों से ले रहे किताबें:
सरकारी स्कूलों में किताबें नहीं मिलने की सूरत में विद्यार्थियों को निजी दुकानों पर मोटी राशि खर्च करनी पड़ रही है। सरकारी स्कूलों में किताबें पहुंचने की व्यवस्था कमजोर हो सकती है, लेकिन निजी दुकानों पर किताबें पहुंच गई हैं और लचर व्यवस्था के चलते विद्यार्थी मोटी राशि खर्च करने को मजबूर हैं। जो विद्यार्थी किताबें नहीं खरीद सकते , उन्हें जो किताबों उपलब्ध हैं उन्ही से पढ़ाई करनी पड़ रही है।

जल्द पहुंच जाएंगी किताबें:
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए किताबें जल्दी ही पहुंच जाएंगी। किताबें आने के बाद विद्यार्थियों को बांट दी जाएगी। इसके बाद विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। नया सत्र शुरू हो चुका है तो इसके लिए विभाग से किताबों की मांग की गई है।