इस न्यूड सीन को शूट करने के बाद रोई थी पूरी यूनिट

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फूलनदेवी किसी परिचय की मोहताज नहीं है . फूलन देवी पर जो गांव के दबंगों द्वारा अत्याचार किए गए, उसे बैंडिट क्वीन में निर्देशक शेखर कपूर ने हू-ब-हू दिखाने की कोश‍िश की . 25 जुलाई, 2001 को फूलन देवी की दिल्ली में हत्या कर दी गई थी. डकैत से सांसद बनीं फूलन देवी की जिंदगी पर बनी फिल्म बैंडिट क्वीन को दुनियाभर में सराहा गया.

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सीमा बिस्वास ने बैंडिट क्वीन में फूलन देवी का किरदार निभाया था. बैंडिट क्वीन, विवाह, खामोशी, वॉटर, एक हसीना थी, हजार चौरासी की मां जैसी फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय से बॉलीवुड में पहचान बनाने वाली अभिनेत्री सीमा बिस्वास की गिनती देश की प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में की जाती है. ये फिल्म काफी विवादित रही थी जिसका कारण बोल्ड सीन्स, गाली-गलौज और न्यूड सीन थे . हालांकि, इस सीन को सीमा ने खुद नहीं बल्कि बॉडी डबल ने किया था. सीमा के मुताबिक, उन्होंने डायरेक्टर शेखर कपूर से कहा था कि फिल्म से न्यूड सीन हटा दिए जाएं, लेकिन शेखर ने कहा कि सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म में लोगों की असंवेदनशीलता को दिखाने के लिए वह सीन करना जरूरी है.

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एक्ट्रेस सीमा बिस्वास को बैंडिट क्वीन में बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला. एक इंटरव्यू में उन्होंने फिल्म बैंडिट क्वीन में अपने रोल और इंटीमेट सीन की शूटिंग पर खुलकर बातें की थी. इस न्यूड सीन को फिल्माने के बाद पूरी यूनिट इतनी दुखी और व्यथ‍ित हो गई कि सभी की आंखों में आंसू आ गए.

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इसके अलावा फिल्म के एक अन्य सीन में गैंगरेप के बाद ठाकुर फूलन को न्यूड ही कुएं से पानी लाने भेजता है . उन्होंने कहा कि इस बारे में मेरे घरवालों को पता था. यही नहीं रिलीज के दो साल पहले बिस्वास फैमिली ने फिल्म की अनसेंसर्ड कॉपी असम स्थित अपने घर पर देखी थी. इस दौरान सीमा मां की गोद में सिर रखकर सोने का नाटक कर रही थीं . उन्होंने बताया कि फूलन देवी की शूटिंग के दौरान दो दिनों तक उन्होंने न कुछ खाया था और न ही कुछ पिया था. क्योंकि फूलन ने भी ऐसा ही कुछ किया था, जब वे जंगलों में रह रही थीं. उन्होंने खुद को बाकी समाज से अलग कर लिया था और धौलपुर के एक गेस्ट हाउस के कोने में बैठकर घंटों तक अपने किरदार के बारे में सोचती रही थीं.

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सीमा बिस्वास का जन्म असम के नलबाड़ी ज़िले में 14 जनवरी 1965 को हुआ. पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में प्रशिक्षण लिया. शेखर कपूर ने जब एनएसडी में उनका अभिनय देखा, तो उन्होंने अपनी फिल्म बैंडिट क्वीन का प्रस्ताव सीमा के सामने रखा. इस फिल्म की कामयाबी के बाद उन्होंने कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया. उन्होंने हिंदी के अलावा मराठी, मलयालम और तमिल फिल्मों में भी अपने अभिनय के जलवे बिखेरे हैं.