ईसरदा बांध से दौसा व सवाईमाधोपुर को मिलेगा पानी

संवाददाता एच एन तिवाड़ी

रीडर टाइम्स

* ईसरदा बांध से राजधानी सहित 2 जिलों के लोगों की बुझेगी प्यास

जयपुर ,दौसा ईसरदा बांध से अब फिर से तीन जिलों की उम्मीदें बढ़ गई हैं| 10 साल से अटका ईसरदा बांध का काम आखिरकार अब शुरू हो गया है गहलोत सरकार की 1038 करोड़ की स्वीकृति के बाद युद्ध स्तर पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और अगले दो साल में सवाई माधोपुर, दौसा और जयपुर को इस बांध से पानी मिल सकेगा ईसरदा बांध के पानी का सबसे ज्यादा फायदा सवाई माधोपुर और दौसा जिले को होगा| जयपुर में बगरू और आसपास के इलाके को पानी मिल पाएगा सबसे अच्छी बात ये है कि बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होने के बाद अब पानी बर्बाद नहीं होगा बल्कि ये सारा पानी ईसरदा बांध में जाएगा बारिश में यदि बीसलपुर बांध ओवरफ्लो होता है तो सारा पानी बंगाल की खाड़ी में चला जाता है ईसरदा मुख्य बांध की प्रस्तावित निर्माण की प्रक्रिया कभी बजट से तो कभी कानूनी अड़चनों के कारण कई सालों से अटकी थी| मुख्य बांध का निर्माण शुरू नहीं होने के कारण बीसलपुर बांध से ओवरफ्लो और बारिश का पानी यूं ही व्यर्थ बह जाता है सरकार द्वारा 2004 में ईसरदा बांध का निर्माण करवाने का निर्णय लिया गया था लेकिन 2008 में लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से ईसरदा कॉपर डैम का निर्माण करवाया गया| इसके बाद तीन साल के भीतर ही ईसरदा मुख्य बांध का निर्माण कार्य करवाया जाना प्रस्तावित था कानूनी अड़चनों से मुख्य बांध का निर्माण कार्य शुरू साल 2013 में भी तत्कालीन सरकार द्वारा 530 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था, लेकिन कानूनी अड़चनों से मुख्य बांध का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया अब गहलोत सरकार द्वारा 1038 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत होते ही मुख्य बांध का निर्माण ईसरदा बांध परियोजना विभाग द्वारा शुरू कर दिया गया बांध की भराव क्षमता 1077 टीएमसी होगी ईसरदा पंचायत से पांच किलोमीटर दूर बनास पेटे पर बन रहा ईसरदा मुख्य बांध का अधिकतम जल स्तर 262.80 आरएल मीटर होगी  बांध की भराव क्षमता 1077 टीएमसी होगी संभवतया मुख्य बांध का निर्माण कार्य 2021 तक पूरा हो जाएगा. बांध की लम्बाई पक्की और कच्ची दो तरह से होगी पक्की लम्बाई 592 मीटर और सवाई माधोपुर की ओर 3 किलोमीटर कच्चा होगा बांध का अधिकतम जल स्तर लगभग 262.80 आरएल मीटर और बांध की पूर्ण भराव क्षमता 10.77 टीएमसी होगी अब तीन जिलों की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि तय समय पर ईसरदा का निर्माण हो क्योंकि बरसों बाद बांध का निर्माण फिर शुरू हो पाया है| इस बांध से सैकड़ों गांवों और शहरों की प्यास बुझ पाएगी|