किसानों के लिए न्याय की लड़ाई प्रधानमंत्री कार्यालय से जा रही है लड़ी

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
दिल्ली :- ठाकुर फैमिली ट्रस्ट के चेयरमैन नितीश ठाकुर है। इस ट्रस्ट की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं मुंबई में शुरू की गई जो कि आर्थिक और सामाजिक रुप से देश के लिए काफी अहम थी। लेकिन दुर्भाग्यवश दुर्भावना से प्रेरित होने के नाते इसे रोक दिया गया और ट्रस्टीयों को अरेस्ट कर लिया गया । साथ में ही ट्रस्ट की चल अचल संपत्तियों और बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया। ठाकुर फैमिली ट्रस्ट ने एस.पी. ग्रुप शापूरजी पालन जी ग्रुप को अपने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भागीदार बनाया था । 2006 में इस ट्रस्ट की भागीदारी के बाद एसपी ग्रुप की नियत में खोट आ गया और वह परियोजना को हड़पना शुरू कर दिया और ठाकुर फैमिली ट्रस्ट के साथ किए गए दस्तावेज और वादे से मुकर गया । इसमें  नितीश ठाकुर के ऊपर झुठे 55 मुकदमे महाराज सरकार और केंद्र सरकार की एजेंसियां द्वारा दायर किए गए और अदालत में सरकार इन इन आरोपों को साबित नहीं कर पाई। मिल्क डेरी प्रोडक्ट अलीबाग 78 एकड़ श्रीवर्धन लैंड 500 एकड़ नासिक स्कूल 70 एकड़ ट्रस्ट के करंट अकाउंट , कोऑपरेटिव बैंक मलाड में 10, 000 करोड़ और फिक्स डिपॉजिट की वैल्यू आज की तारीख में ढाई सौ करोड़ के आसपास है। नितीश  ठाकुर और ट्रस्टीयों एवं ट्रस्ट के खिलाफ विभिन्न अदालतों में केस चलता रहा। 17 जनवरी 2019 में माननीय न्यायालय ने नितीश ठाकुर एवं ट्रस्ट पर के ऊपर लगे सभी आरोपों को मुक्त कर तत्काल सभी संपत्तियों को एवं परियोजना बैंक अकाउंट से आज की जमा राशि को तुरंत लौटाने के आदेश दिए। दुबई सरकार ने ट्रस्ट की परियोजनाओं में इन्वेस्टमेंट किया और यह इन्वेस्टमेंट इंडिया यूपीटीईटी के अंतर्गत आता है। तब से 17 जनवरी 2019 के बाद से यह सेटलमेंट प्रधानमंत्री कार्यालय के पास पेंडिंग है। कुछ परियोजनाएं ठाकुर फैमिली ट्रस्ट की महाराष्ट्र के किसानों के साथ थी जो वह बिना वजह के जप्त कर ली गई और माननीय न्यायालय के आदेश के बावजूद भी किसानों की जमीन उन्हें वापस नहीं दी गई। अब तक कुल 24 किसानों की मृत्यु हो चुकी है। जिसकी सूचना और मृत्यु प्रमाण पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा किए जा चुके हैं। 17 जनवरी 2019 के बाद से चेयरमैन  नितीश ठाकुर जी द्वारा अब तक हजारों ईमेल दस्तावेज के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय मुख्य सचिव पीके मिश्रा तथा संबंधित विभाग और राज्य सरकार को उपलब्ध करवाया जा चुका है ।  इस संस्था के स्थाई सिग्नेटरी अशोक कुमार पांडे अब तक लगभग 70 बार प्रधानमंत्री कार्यालय वित्त मंत्री कार्यालय गृह मंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन विदेश मंत्री कार्यालय इंडिया यूएई अथॉरिटी और संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए लगातार पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ठाकुर फैमिली ट्रस्ट के ऑथराइज्ड सिग्नेटरी फॉर इनिशियल सेटेलमेंट वर्क की यह मांग है कि बिना विलंब किए ट्रिब्यूनल कोर्ट के आदेश को लागू किया जाए। वह किसानों के साथ न्याय किया जाए और ट्रस्ट की सभी संपत्तियों व बैंक अकाउंट को तुरंत अनफ्रीज करके उनका पैसा 10 हजार करोड़ जो एस. एस. आई. का है, एफबी का है लौटाया जाए और यूएई इंडिया बीपा ट्रीटी के तहत सेटेलमेंट की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।