कृष्ण का अर्थ हैं सबसे सर्वधिक मन का आनंद

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

कृष्ण शब्द की ध्वनि मधुर पारलौकिक हैं। और कृष्ण शब्द का अर्थ सर्वधिक आनंद हैं। हर व्यक्ति अपने जीवन में आनंद चाहता हैं। पर हम सब में कोई ये नहीं जनता हैं की इस कृष्ण आनंद को कैसे प्राप्त किया जाता हैं। और हम सभी अपने जीवन में कृष्ण नाम के आनंद को कैसे प्राप्त करना हैं इसकी तलाश में भ्रमित रहते हैं। क्योकि हमारे पास जीवन का वास्तविक आनंद प्राप्त करने के लिए जरुरी ज्ञान नहीं हैं। वो ज्ञान जो सच्ची शांति प्रदान करे हैं। और (श्री कृष्ण ही सच्ची शांति हैं )

जबकि श्री कृष्ण हमारे सामने मौजूद नहीं हैं। पर फिर भी हम श्री कृष्ण से निर्देश प्राप्त कर सकते हैं लेकिन यह कोई तथ्य नहीं हैं। कृष्ण अपने शब्दों यानि भगवद्गीता के जरिये हमारे जीवन में हैं। और जब भी हम भगवद्गीता का या भागवत पर बोलते हैं तो श्री कृष्ण की आराधना पुष्पों के साथ करते हैं। कृष्ण जी तो हम सभी के दिलो में विराजमान हैं। और वो इतने मिलनसार हैं की हमारे जीवन के चक्र में वो हमारे सम्मुख हैं। वैदिक साहित्य उनसे ही भरा हुआ हैं। और वेदो का अर्थ श्री कृष्ण के लिए ही हुआ हैं। अगर हम सभी केवल कृष्ण कथाओ को सुनेगे तो ,एक शुद्ध पारलौकिक आवाज होगी जो हम सभी को आध्यात्मिक चेतना की और ले जाएगा।