कोरोना वायरस के क्या हैं : इसके क्या साइड इफेक्ट ; जाने सबकुछ ,

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में शनिवार से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। टीकाकरण के पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल होंगे। पहले चरण के टीकाकरण का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। देशभर में कुल 3006 केंद्रों के जरिए पहले दिन तीन लाख लोगों को टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। जैसे- टीकाकरण कब और कितने बजे शुरू होगा, टीकाकरण के लिए कौन सा पहचान पत्र दिखाना होगा, क्या टीका लगवाना सभी के लिए जरूरी है। इन सभी सवालों का स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया है। कोरोना टीकाकरण स्वैच्छिक है। हालांकि, अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए सभी को वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी चाहिए।

क्या कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है ?

हां, कोरोना वैक्सीन लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता के आधार पर राष्ट्रीय नियामक से मंजूरी मिलने के बाद ही देश में आज से टीकाकरण शुरू हो रहा है।

उपलब्ध टीकों में से एक या इससे अधिक को कैसे चुना जाता हैं ?

टीका बनाने वाली कंपनियों द्वारा किए गए नैदानिक परीक्षणों और उससे प्राप्त डेटा की जांच के बाद ही दवा नियामक द्वारा मंजूरी दी जाती है।

क्या कोरोना वायरस से ठीक हुए व्यक्ति को टीका लगवाना जरूरी है ?

हां, कोरोना संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति को भी टीका लगवाने की जरूरत है। कोरोना वैक्सीन बीमारी के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने में मदद करता है।

यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियों की दवा ले रहा है,तो क्या वह कोरोना वैक्सीन ले सकता है ?

हां, ऐसी बिमारियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम श्रेणी माना जाता है। उन्हें कोविड-19 टीकाकरण कराने की आवश्यकता है।

क्या भारत की वैक्सीन दूसरे देशों की वैक्सीन की तरह ही प्रभावी है ?

हां, भारत में लगाई जाने वाली वैक्सीन भी अन्य देशों की तरह ही प्रभावी है। उनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए टीकों को विभिन्न चरणों में परिक्षण किया जाता है।

क्या कोरोना वैक्सीन सभी को एक साथ दी जाएगी ?

भारत सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के लिए चुना है क्योंकि वे उच्च जोखिम वाले लोगों में शमिल हैं।

कोरोना वैकसीन के संभावित साइड इफेक्ट क्या हैं ?

हल्का बुखार और दर्द कोरोना वैक्सीन का आम साइड इफेक्ट है, जो टीका लगने के बाद कुछ लोगों में दिखाई दे सकता है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं कोरोना टीकाकरण के लिए योग्य हूं ?

प्रारंभिक चरण में प्राथमिकता समूह- हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन कर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा।

क्या कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को टीका लगाया जा सकता है ?

कोरोना से संक्रमित या संदिगध लोगों को टीकाकरण केंद्र पर जाने से बचना चाहिए। इससे दूसरों में वायरस फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

टीकाकरण के पंजीकरण के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं ?

वैक्सीन लगाने के लिए लोंगों को मतदान की तरह अपना कोई भी पहचान पत्र दिखाना होगा। इन पहचान पत्रों में आधारकार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट के साथ-साथ मनरेगा का जॉबकार्ड और बैंक या पोस्ट आफिस का फोटो लगा पासबुक तक शामिल हैं।

क्या कोई व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के साथ पंजीकरण के बिना वैक्सीन ले सकता है ?

नहीं, लाभार्थी को टीकाकरण के लिए पंजीकरणकराना अनिवार्य है। इसके बाद पंजीकरण स्थल पर जाने और समय की जानकारी साझा की जाएगी।

टीकाकरण की तारीख के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त होगी ?

ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थियों को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर तारीख, टीकाकरण के समय और स्थान को लेकर एसएमएस प्राप्त होगा।

अगर कोई व्यक्ति टीकाकरण केंद्र पर फोटो आईडी दिखाने में सक्षम नहीं है, तो क्या उसे टीका लगाया जाएगा या नहीं ?

फोटो आईडी टीकाकरण केंद्र पर लाभार्थी के पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इच्छित व्यक्ति को टीका लगाया गया है।

टीकाकरण केंद्र पर किसी नियम का पालन करने की आवश्यकता है ?

कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कम से कम 1/2 घंटे के लिए केंद्र पर ही आराम करना होगा। इस दौरान आपको मास्क पहनना होगा और 6 फुट की शारीरिक दूरी बनाए रखनी होगी।