चिड़चिड़ापन निराशा ,उदासीनता ,व अकेलापन डाल सकता हैं बच्चो को नशे की लत

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

कोरोना वायरस के बीच बच्चो व किशोरों में काफी बदलाव होने लगे हैं। क्योकि इस कोरोना की वजह से सभी का जीवन कठिन हो गया हैं। काफी डॉक्टर्स का कहना हैं। कि कोरोना संकट काल कि वजह से दोस्तों व स्कूल कॉलेज के बच्चो में मानसिक तनाव बढ़ता ही जा रहा हैं। डर- भय, चिंता ,तनाव, अवसाद ,अनिद्रा इन सब से पाचन कि दिक्कते होने लगती हैं। और फिर अकेलापन ,उदासीनता ,चिड़चिड़ापन ,नीद पूरी न होना ऐसे में बच्चो को नशे कि गन्दी लत लग जाती हैं। ऐसे में बच्चो पर विशेष ध्यान रखना होगा। बच्चे किसी भी बिना वजहों कि खबर को सच न मान ले इसलिए उन्हें टीवी या इंटरनेट कि कम जानकारी मिले। कुछ ऐसा करे। वही दूसरी ओर जब वो अपनी पढ़ाई को ऑनलाइन क्लास के जरिये पूरा कर रहे हैं। लेकिन पूरा दिन क्लास करने कि वजह से भी उनमे थोड़ा चिचिड़ापन आने कि सम्भवना होती हैं। ऐसे में उन पर ध्यान देना बहुत जरुरी हैं। और ध्यान दे कि दोनों माध्यम से मिलने वाली सूचना को सच न मान ले। नेट पर चलने वाली फर्जी जानकारी से बच्चो के मानसिक पर असर होता हैं। और वो मानसिक बीमार भी हो सकते है। बच्चो को सही जानकारी दे और डराने वाली वाली खबरों से दूर रखे। जो आज कल के समय में साइड्स पर चल रही हैं।

बच्चो को उनके खेल व दोस्तों से दूर न रखे

दस साल उम्र के बच्चो को उनके दोस्तों के ज्यादा नजदीक रखे। और उन्हें कॉल के जरिये भी दोस्तों के संपर्क में रहने को कहे। समय समय पर बच्चे एक दूसरे से दूरी बना कर मिलते रहेंगे तो उनका मानसिक तनाव भी नहीं होगा।

ज्यादातर सूचनाओं से भी डर सकता हैं बच्चा

कोरोना महामारी को जानने के लिए काफी बच्चो में बहुत ज्यादा उत्सुकता नज़र आई। बच्चे जानना चाहते हैं कि क्या हैं ये बीमारी कैसे होती हैं। तो उन्हें वही जानकारी दे जो बच्चो के लिए जरुरी हैं। बहुत अधिक जानकरी के कारण उन पर बुरा असर पड़ सकता हैं। गंभीर स्थिति में वो अधिक डर सकते हैं।

अभिभावकों को बच्चो के साथ ज्यादा समय देना

बच्चो के साथ परिवारवालों को अधिक समय देना होगा बच्चो को जो पसंद करते हैं उनकी ख़ुशी के लिए वही करे ताकि उनका मन लगा रहेगा। और वो खुद को अकेलापन नहीं महसूस करेंगे।

बच्चो के बीमार होने पर सतर्क रहे

बच्चो को किसी भी प्रकार कि बीमारी हो तो उसका खास ख्याल रखा जाये और उसके खान पान पर ध्यान दे ज्यादा दिक्कत पर डॉक्टर कि सलाह ले। और बीमार बच्चो को मानसिक तनाव कि बातो से बिलकुल दूर रखे क्योकि बीमार होने पर मानसिक स्वस्थ होना बहुत जरुरी हैं।