चीनी मोबाइल बैन की फिर उठी मांग ; जानें क्यों सरकार ने फेकने को कहा पुराना फोन…

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
भारत में फेस्टिवल सीजन बिल्कुल नजदीक है। ऐसे में सभी सस्ते में स्मार्टफोन समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीदने की सोच रहे होंगे। लेकिन इसी बीच चीनी मोबाइल पर जासूसी करने के आरोप लगे हैं। आमतौर पर फेस्टिवल सीजन से पहले भारत में चीनी मोबाइल के बैन की मुहिम चलती थी। लेकिन इस बार यूरोप के देश लिथुआनिया के रक्षा मंत्रालय ने चीनी मोबाइल ना इस्तेमाल करने की सलाह दी है। कहा गया कि लोग अपने पास मौजूद मेड इन चाइना मोबाइल तुरंत फेक दें। Lithuania के रक्षा मंत्रालय की ओर से चीनी मोबाइल फोन पर जासूसी का आरोप लगाया है। लिथुआनिया रक्षा मंत्रालय ने सरकारी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि जांच में पाया गया है कि चाइनीज फोन और डिवाइस में सेंसरशिप मौजूद है।

रक्षा मंत्रालय ने लगाये गंभीर आरोप…
रक्षा मंत्रालय की नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi की तरफ से यूरोप में बेचे जाने वाले फ्लैगशिप फोन में इन-बिल्ट सेंसर दिया जाता है, जो ‘फ्री तिब्बत’ ‘लॉन्ग लिव ताइवान इंडिपेंडेंस’ और ‘डेमोक्रेसी मूवमेंट’ जैसे शब्दों को पहचान करके उन्हें ब्लॉक करने का काम करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपियन रीजन में बेचे जाने वाले Xiaomi के Mi 10T 5G स्मार्टफोन में इस तरह की क्षमता मौजूद है। यह एक सॉफ्टवेयर बेस्ड प्रक्रिया है, जिसे यूरोप में टर्न ऑफ किया जा सकता है। लेकिन रिपोर्ट में चिंता जताई जा रही है कि इसे किसी भी वक्त रिमोटली ऑन किया जा सकता है।

चाइनीज फोन ना खरीदने की सलाह…
ऐसे में लिथुआनिया के उप रक्षा मंत्री Margiris Abukevicius ने अपने देश के लोगों को नया चीनी स्मार्टफोन को ना खरीदने की सलाह दी है। हालांकि इस मामले में अभी तक Xiaomi की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है। नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि Xiaomi फोन एन्क्रिप्टेड फोन डेटा को सिंगापुर के सर्वर पर भेजता है। ऐसा Huawei के P40 5G स्मार्टफोन में पाया गया था। लेकिन अन्य चाइनीज स्मार्टफोन जैसे OnePlus में ऐसा नहीं पाया गया है। बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप समेत कई देशों के नेता चीन के 5G नेटवर्क को लेकर पहले ही चिंता जाहिर कर चुके हैं।