जेडे हत्याकांड का खुलासा: छोटा राजन दोषी करार, पूरा अंडरवर्ल्ड खौफ खाता था इस पत्रकार से

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मुंबई:  मुंबई की एक विशेष अदालत ने पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त छोटा राजन को दोषी करार दिया है|अदालत ने इसी मामले में हत्या के दूसरे अभियुक्त पत्रकार जिगना वोरा को बरी कर दिया है| वोरा के अलावा पॉल्सन जोसेफ़ को भी बरी कर दिया गया है| अदालत ने इस मामले में राजन समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया है| मुंबई के रहने वाले ज्योतिर्मय एक मिड डे न्यूज़ पेपर में बतौर वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर काम करते थे| पेपर के लिए जे डे नाम से लिखने वाले ज्योतिर्मय की मुंबई के उपनगर पवई में 11 जून 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी|
वो मोटरसाइकिल पर सवार थे और अपने घर की ओर जा रहे थे तभी चार बंदूकधारियों ने उन पर गोलियां दाग दीं| उनकी मौत के बाद मुंबई में पत्रकारों ने प्रदर्शन कर सरकार से अपने लिए बेहतर सुरक्षा की मांग की थी. इत्तेफाक़ की बात है कि जे डी हत्याकांड पर फ़ैसला वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के ठीक एक दिन पहले आ रहा है| ज्योतिर्मय डे की गिनती मुंबई के बेहतरीन क्राइम रिपोर्टर में की जाती थी. बतौर इंवेस्टिगेशन ऑफ़िसर मिड-डे ज्वाइन करने से पहले वे इंडियन एक्सप्रेस और हिंदुस्तान टाइम्स से भी जुड़े रहे| जिस समय उनकी हत्या हुई वे 56 साल के थे|

छोटा राजन के खिलाफ लेख पर गुस्‍सा गया था डॉन
जेडे की हत्‍या के बाद से ही इसमें छोटा राजन का हाथ होना बताया जा रहा था। लेकिन हत्‍या के कुछ ही दिनों बाद एक न्‍यूज चैनल को इंटरव्‍यू देकर छोटा राजन ने इस बात पर मु‍हर लगा दी थी और खुद ही कबूला था कि हत्‍या उसने ही करवाई थी। हत्‍या के पीछे कारणों के बारे में बताते हुए छोटा राजन ने बताया था कि जेडे उसकी गैंग के खिलाफ लिखने लगे थे। छोटा राजन ने हत्‍या के पीछे एक कारण यह भी बताया कि उसे शक था कि जेडे और दाऊद के संबंध है जो उसके लिये खतरा पैदा कर स‍कता है। छोटा राजन ने स्टार न्यूज से कहा था, जेडे लगातार मेरे खिलाफ लिख रहा था।

एक आरोपी की हो चुकी है मौत
इस मामले की शुरुआती जांच मुंबई पुलिस और मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी. लेकिन राजन की गिरफ्तारी के बाद यह केस भी सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया. सीबीआई को केस ट्रांसफर होने से पहले मुंबई क्राइम ब्रांच ने अदालत में 2 चार्जशीट दायर की थी. जानकारी के मुताबिक, मामले में कुल 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें से एक आरोपी विनोद आसरानी उर्फ विनोद चेम्बुर की मौत हो चुकी है.
छोटा राजन को लंदन में मिलने के लिए बुलाया था जेडे ने
छोटा राजन ने बताया था कि एक बार मैंने उसे फोन किया और पूछा कि क्या मुझसे कोई पेरशानी है। उसने मुझसे बताया कि वह लंदन जा रहा है और मैं वहां उससे मिलूं। जब जेडे लंदन गया तो मेरे इंफोरमर का वहां से फोन आया और उसने कहा कि मैं लंदन नहीं आऊं, क्योंकि वह छोटा शकील के लोगों से मुलाकात कर रहा था।

छोटा राजन को था हत्‍या का अफसोस
छोटा राजन को ये भी शक था कि जेडे दाऊद गैंग के करीबी हैं इसीलिए उसके खिलाफ लिख रहे हैं। हालांकि छोटा राजन ने स्टार न्यूज से कहा कि जेडे को मारने का फैसला गलत था। इसलिए भी क्योंकि पत्रकार होने के नाते जेडे को भी हक था कि वो किसी के भी बारे में किसी के लिए भी लिखे। मालूम हो कि छोटा राजन औऱ दाऊद इब्राहिम की दुश्मनी बहुत पुरानी है। मुंबई में वर्चस्व को लेकर राजन और दाऊद के गैंगों के बीच कई बार खून खराबा हो चुका है।
राजन ने न्यूज चैनलों को फोन पर दी थी सफाई
– छोटा राजन के खिलाफ आरोप था कि जे डे की हत्या के बाद जब हंगामा हुआ, तब राजन ने कई न्यूज चैनलों के दफ्तरों में फोन किए और कहा कि वह जे डे को सिर्फ धमकाना चाहता था। उसका इरादा हत्या का नहीं था। अभियोजन पक्ष ने इसी रिकॉर्डिंग को अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया।

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जेडे से खौफ खाता था पूरा अंडरवर्ल्‍ड
आपको बता दें कि पत्रकार ज्‍योतिर्मय डे जाने माने क्राइम रिपोर्टर थे। कहा जाता था कि किसी वारदात की पूरी खबर पुलिस के पास भले न हो लेकिन अंडरवर्ल्‍ड से जुड़ी हर खबर ज्‍योतिर्मय डे के पास होती थी। यही वजह थी कि अंडरवर्ल्‍ड ज्‍योतिर्मय डे से काफी खौफ खाता था।
जेडे से खौफ खाता था पूरा अंडरवर्ल्‍ड
आपको बता दें कि पत्रकार ज्‍योतिर्मय डे जाने माने क्राइम रिपोर्टर थे। कहा जाता था कि किसी वारदात की पूरी खबर पुलिस के पास भले न हो लेकिन अंडरवर्ल्‍ड से जुड़ी हर खबर ज्‍योतिर्मय डे के पास होती थी। यही वजह थी कि अंडरवर्ल्‍ड ज्‍योतिर्मय डे से काफी खौफ खाता था।

सामने आया था सीसीटीवी फुटेज
– हत्याकांड के बाद एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फुटेज में दिखने वाले लोग वही हमलावर थे जो जे डे का पीछा करते थे। मुंबई पुलिस ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाताया था कि हमलावर कैसे जे डे का पीछा करते थे।

ऐसे हुआ था हत्‍या का खुलासा

पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी क्राइम ब्रांच अपनी जांच कर रही थी। जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने सबसे पहले जेडे की फोन डिटेल्स निकली। एक जर्नलिस्ट दोस्त की मदद के आधार पर घाटकोपर से पवई के बीच करीब दो दर्जन पीसीओ नंबरों की डिटेल निकाली गईं। फोन डिटेल में क्राइम ब्रांच ने उसकी मां के घर के पास एक पीसीओ के सीडीआर में एक नंबर पर शक हुआ और फिर उसके बाद एक एक कर हत्या की पूरी कड़ी खुली चली गई। उस पीसीओ से जेडे को फोन करके पूछा गया कि तुम कहां हो।