दुर्गा पूजा और रामलीला में नेतागण ‘आशीर्वाद’ मांगने पहुंचे

नवरात्र , दशहरा और रामलीला सामान्य जनता के लिए भले ही धार्मिक त्यौहार हो . लेकिन नेताओ के लिए तो ये वोट खींचने का एक मजबूत जरिया बन गया है इस कारण विधानसभा के चुनावों के बीच आये हुए इस त्योहारों में सभी नेता लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है .

रामलिया कमेटियों में अलग अलग पार्टी के नेता पहुंच कर जनता सभी जनता से संपर्क बना रहे है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वर्ष द्वारिका में आयोजित होने वाली एक रामलीला में 8 अक्टूबर को हिस्सा लेने पहुंचेंगे .

द्वारका में हो रहे कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की भी पहुंचने की संभावना है . इस तरह से कई नेता अध्यक्ष और पार्षद लोग सभी अलग अलग रामलीला कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है .

जहां नेता रामलीलाओं के बीच पहुंचकर अपनी पहुंच जनता तक बना रहे हैं, वहीं रामलीला कमेटियों का भी वजन उनमें आने-वाले नेता के कद के हिसाब से तय होता है।दिल्ली में लालकिले के सामने के मैदान में आयोजित होने वाली ‘लवकुश रामलीला’ को दिल्ली की सबसे प्रतिष्ठित रामलीला कमेटी माना जाता है।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस रामलीला कमेटी में लगभग हर वर्ष प्रधानमंत्री या भाजपा-कांग्रेस के सबसे बड़े नेता पहुंचते रहे हैं। कई बार सोनिया गांधी और डॉक्टर मनमोहन सिंह ने यहां पहुंचकर रावण दहन का कार्यक्रम संपन्न कराया है।

लवकुश रामलीला कमेटी में भाजपा के कई बड़े नेता अहम किरदार निभाते हैं। भाजपा दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी लवकुश रामलीला में अंगद की भूमिका निभा रहे हैं, तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन राजा जनक की भूमिका निभाते हैं। एक अन्य केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते इस वर्ष की रामलीला में ऋषि अगस्त्य की भूमिका निभा चुके हैं। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ऋषि अत्रि तो विजय सांपला हिमालय की भूमिका निभा चुके हैं।

ये त्योहार भारत के सभी वर्ग में मनाए जाते हैं। लेकिन दिल्ली में पूर्वांचल के रहने वाले लोगों में ये त्योहार बहुत प्रसिद्ध हैं। यही कारण है कि छठ के साथ-साथ इन कार्यक्रमों में पहुंचकर नेता पूर्वांचल के लोगों को अपने साथ जोड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पूर्वांचल की आबादी दिल्ली की लगभग हर सीट पर प्रभावशाली असर डालने की स्थिति में है। इसलिए हर राजनीतिक दल इन्हें अपने साथ जोड़कर आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।