दौसा में कोरोना संदिग्धों के लिए मीणा छात्रावास में संचालित होगा अस्पताल,

संवाददाता राहुल भारद्वाज ब्यूरो हैड

रीडर टाइम्स

छात्रावास में संचालित चिकित्सालय में 24 घंटे मौजूद रहेंगे चिकित्सक, मिलेंगी सभी सुविधाएं

एक साथ 50 संदिग्ध किए जा सकेंगे आईसोलेट

दौसा ,जिले में कोरोना के संदिग्ध अब जिला अस्पताल सहित अस्थाई रूप से मीणा छात्रावास दौसा में बनाए गए चिकित्सालय में उपचार करा सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल हाईवे ऑथोरटी ऑफ इंडिया के सहयोग से अलग से अस्थाई अस्पताल बना लिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी एम वर्मा ने अस्थायी रूप से बनाये गये इस अस्पताल का निरीक्षण किया और सभी तैयारियों का जायजा लेते हुए अंतिम रूप दिया। अब कोरोना संदिग्ध सीधे उपचार के लिए इसी अस्पताल ले जाए जाएंगे ताकि आमजन को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाया जा सके। यह अस्पताल 24 घंटे चालू रहेगा और इसमें विशेश चिकित्सकों की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। डॉ वर्मा ने बताया कि आमजन को कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए विभाग पूरी तरह प्रयासरत है। यही कारण है कि दौसा जिले में अभी तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि अभी तक सभी तरह के मरीजों को उपचार के लिए श्रीरामकरण जोशी अस्पताल में जाना पड रहा था। इसमें कोरोना संदिग्ध भी शामिल हैं। इससे अन्य मरीजों में इन्फेक्शन फैलने की आशंका रहती थी। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मीणा छात्रावास को विभाग ने अधिगृहित कर लिया है। तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे डॉ श्रीप्रकाश मीणा और डॉ अंकित खंडेलवाल ने बताया कि अधिगृहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसमें व्यवस्था संबंधित सहयोग एनएचआई कर रहा है और चिकित्सकीय सुविधाएं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करा रहा है। इस अस्पताल में कुल 60 कमरे हैं जिनमें से 50 कक्ष आइसोलेशन के लिए उपलब्ध रहेंगे। यानि यहां 50 संदिग्धों को एक साथ आईसोलेशन हेतू भर्ती किया जा सकता है। प्रत्येक कक्ष में एक बैड, कुर्सी और टेबल रहेगी। इसके अलावा साबुन, टूथपेस्ट, कंघा, हेयर ऑयल, टावल आदि सभी सुविधाएं दी जाएंगी। यहां संदिग्धों को 14 दिन तक रखा जा सकेगा इसके लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा यहां 24 घंटे चिकित्सकों की टीम मौजूद रहेगी जो संदिगधों की जांच और उपचार के साथ उनकी गतिविधियों पर नजर रखेगी। इसके अलावा यदि कोई संदिग्ध सीरीयस होता है तो उसे पूरे एहितायात और इंताजामात के साथ हायर सेंटर के लिए उपचार हेतु रैफर किया जाएगा। डाॅ श्री प्रकाश मीणा ने बताया कि एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वाईबी सिंह और मैनेजर वसुंधरा के सहयोग से यहां आने वाले संदिग्धों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए जिला प्रषासन से स्वीकृति ली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पहले से ही सभी ब्लॉकों और सीएचसी स्तर पर भी आईसेलेशन वार्ड बनाए जा चुके हैं।