नगर निगम बना नर्क : निगम प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को ; नगर निगम ने लगा दिया चूना ,

संवाददाता प्रमोद श्रीवास्तव
रीडर टाइम्स न्यूज़
17 जुलाई 2021 :- राजधानी 172 उत्तर विधानसभा लखनऊ नगर निगम जोन तीन अंतर्गत फैजुल्लागंज की कई कालोनियों में 12 या 13 दिनों से नहीं दिखाई दे रही है नगर निगम की घर घर से कूड़ा कचरा लेने वाली गाड़ियां नदारद हैं नगर निगम की फैजुल्लागंज के गायत्री नगर प्रीति नगर नौबस्ता हरिओम नगर प्रभात पुरम जैसे अनेकों कालोनियों में 12 या 13 दिनों से नहीं दिखाई दे रही है नगर निगम घर घर से कूड़ा कचरा उठाने वाली गाड़ियां प्लाटों में दिखाई देने लगा है।

कूड़े के ढेर बरसात का सीजन चल रहा है वहीं पर भयंकर गर्मी हो रही है नगर निगम के द्वारा घर घर से कूड़ा ना लेने का कारण जो प्लाटों में फेंके जा रहे हैं कूड़े इसकी वजह से महामारी डेगू चिकनगुनिया वायरल बुखार होने की संभावना है क्योंकि प्रतिदिन नगर निगम की गाड़ियां नदारद होने से प्लाटों में कूड़ा इकट्ठा होने से एक भयंकर बीमारी का कारण बन सकता है। जब लखनऊ में स्वच्छता अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण चलता है तब लखनऊ नगर निगम बहुत जोर शोर के साथ स्वच्छता अभियान पर जोर देता है। और सफाई पर जोर देता है और साथ ही प्लाटों में कूड़ा ना पड़े इसके लिए प्लाटों का चालान भी होता है परंतु जैसे ही स्वच्छता अभियान सर्वेक्षण 2021 समाप्त हुआ ।

वैसे ही लखनऊ नगर निगम से डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां पहले 2 दिन फिर 3 दिन अब पूरे 15 दिन होने को आ रहा है और अभी तक लखनऊ नगर निगम के किसी भी जोन में एक भी गाड़ी नहीं दिखाई दे रही है ऐसा लगता है कि लखनऊ नगर निगम की मेयर साहिबा का सपना , सपना ही रह जायेगा लखनऊ नगर निगम को नंबर वन बनाने का।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ी चालकों को 4 महीने से वेतन नहीं दिया गया है साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाले बॉय का भी वेतन नहीं दिया गया साथ ही गाड़ी डोर टू डोर कलेक्शन करने के लिए मात्र 3 लीटर पेट्रोल दिया जाता है और कहा जाता है कि 1000 घरों का कूड़ा कलेक्शन करना है परंतु जब कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया जा रहा तो वह कैसे काम करें ।

साथ ही जनता के साथ नगर निगम ने विश्वासघात किया है क्योंकि जनता द्वारा लगाए गए प्राइवेट कूड़ा उठाने वाले कार्मिकों को इको ग्रीन कंपनी के गुंडों ने मारपीट कर क्षेत्र से भगा दिया। अब जब कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा तो कूड़े को प्लाटों में ढेर करने के सिवा जनता के पास कोई रास्ता नहीं बचता है। ऐसे में जनता बेचारी जाए तो जाए कहां नगर निगम द्वारा जारी किए गए इकोग्रीन के सभी नंबर गलत पाए जा रहे हैं।

फोन करने पर किसी ने बिहार का फोन बताया तो किसी ने मुजफ्फर बाद का बताया किसी ने दिल्ली का बताया तो किसी ने हरियाणा का बताया आखिर यह सारे नंबर नगर निगम के कूड़ा कलेक्शन वेबसाइट पर क्या कर रहे हैं अगर यह एक नंबर है तो नगर निगम की वेबसाइट पर इन नंबरों को जगह कैसे मिली इसकी भी जांच होनी चाहिए। फैजुल्लागंज के अनेकों स्ट्रीट लाइट रोड खराब है जिसकी सूचना देने के बावजूद भी आरआर विभाग नदारद है अंधेरों में हे गलियां।