निर्दोष लोगों पर बिना सबूतों के दोष लगा कर थर्ड डिग्री प्रयोग क्यों न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट दोसा

रिपोर्ट : नारायण निराला,रीडर टाइम्सदौसा : दौसा जिले की सैंथल थाना पुलिस ने पिछले माह 29 नवंबर को कोटा पुलिस की पिटाई का वीडियो वायरल होने पर अपनी वाहवाही लूटने के उद्देश्य से निर्दोष लोगों पर जिनका कोई दोष नहीं था

उनको अपनी राठौड़ी कार्रवाई में 29 नवंबर 2019 को थाने ले जाकर के लॉकअप में डाल दिया इसके बाद इन लोगों पर थर्ड डिग्री का प्रयोग कर टॉर्चर करना शुरू किया जिसमें पट्टों से पीटाई लात घुसे उसे बुरी तरह मारपीट की गई और यही नहीं लोगों को

हथियारों से डराया और धमकाया गया और शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी गई और लोगों को छोड़ने की एवज में 20 से 25000 रुपए एक्ने का भी आरोप पुलिस पर है।पुलिस की इस राठौड़ी कार्रवाई से और थर्ड डिग्री के विरोध में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराना चाहा तो युवक को फिर से राठौड़ी कार्रवाई में डरा धमका कर थाने से भगा दिया गया ।

युवक ने आखिरी में जिला सत्र न्यायालय दौसा की शरण ली और घटना के 14 दिन बाद सैंथल थाने में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ- अपरहन ,मारपीट, हथियार दिखाकर डराना, धमकाना ,जान से मारने का प्रयास, छेड़छाड़ वह बंधक बनाने वाली धाराओं में केस दर्ज किया है

इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णियां ने मामले की जांच दौसा डीएसपी नरेंद्र कुमार को दी है ।