पटना – झाझा ई एम यू मेमू ट्रेन में भिखारियों की आवाजाही :- राजीव कुमार झा


लेखक राजीव कुमार झा
रीडर टाइम्स न्यूज़

भिक्षाटन करके असहाय लोगों के अलावा थोड़ी ठीक ठाक दशा वाले कुछ लोग भी समाज में जीवनयापन करते दिखायी देते हैं। बिहार में भिखमंगों की पहचान और उनके पुनर्वास की योजना पर काम हो रहा है। और इसमें जनसहयोग की भी जरूरत है। लखीसराय। बिहार में घर द्वार वाले कुछ भिखारी अक्सर ट्रेन में गाना गीत भजन गाकर भीख माँगते दिखायी देते है। इनके घर के लोग इन्हे पास के तय स्टेशन पर छोड़ जाते हैं। और फिर भिक्षाटन खत्म होने के बाद इसी तरह इन भिखारियों को परिवार के लोग वापस आकर घर ले जाते हैं। गाँव शहर गली कूचे हाट बाजार मुहल्लों में अब भिखारी बिलकुल दिखायी नहीं देते लेकिन स्टेशन और ई एम यू ट्रेन में ये अब भी दिखायी देते हैं। जी आर पी और आर पी एफ को इन भिखारियो के घर परिवार की पहचान करके इनके इस धंधे पर रोक लगायी जानी चाहिए। कोरोना लाक डाउन के बाद पटना – झाझा ई एम यू स्पेशल मेमू में भिखारी अक्सर दिखायी देते हैं। भिक्षावृत्ति समाज के लिए कलंक है। और सरकार को इसे मिटाने पर ध्यान देना चाहिए।