बाढ़ से कई परिवार जन हो रहे घर से बेघर शासन-प्रशासन बना लाचार

संवाददाता मनोज वैश्य
रीडर टाइम्स न्यूज़
सीतापुर की तहसील लहरपुर के अंतर्गत तंबौर की यात्रा तक तो जैसे तैसे पहुँचा लेकिन उसके आगे काशीपुर क्षेत्र जो कि बाढ़ का सबसे प्रभावित क्षेत्र है वहाँ तक नाव के सहारे व कुछ दूरी तैर कर भी पहुँचा तो इतनी भयावह तेज नदी की धाराएं और उन धाराओं में धराशायी होते हुए बड़े बड़े मकान, तेज बहाव में बहते हुए जानवर,नदी में समाते हुये खेत खलिहान ऐसे पानी सब कुछ आने आगोश में ले रहा था कि मानो प्रचंड प्रलय का समय आ गया हो किंतु इन सभी समस्यायों से भोले भाले ग्रामीण साहस के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे।

काशीपुर का बढ़हिंनपुरवा पूरा नदी में समा चुका था ग्रामीणों के छोटे छोटे बच्चे सब ऊपर आकर सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर थे कोई सड़क पर लेटा था तो कोई बॉस मचान बनाकर लेटा हुआ था।बच्चे भूख,बीमारी से कराह रहे थे सब कुछ देखते हुए मेरे सामने था मैं बेबस और लाचार था चाहकर भी कुछ नही कर सकता था क्यों कि न ही मेरे पास पर्याप्त पैसे थे और न ही कुछ भोजन की सामग्री थी।अंदर ही अंदर मैं घुट रहा था स्वयं को बेबस और लाचार पाकर भगवान को भी कोश रहा था कि इस लायक क्यों नही बनाया मुझे की थोड़ा बहुत इनका दर्द बांट सकूं।

बेबस , लाचार ,असहाय , निर्धन ग्रामीण इस कहर से स्वयं व परिवार में सभी की जान बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे ऐसा भयानक मंजर अपने जीवन में बाढ़ यात्रा का शायद पहली बार देखा। उन भोले भाले लोगो की कोई सुध लेने वाला नही है। न दवाई का प्रबंध है न भोजन का प्रबंध है चारो तरफ पानी ही पानी है उसी पानी मे अपना जीवन को बचाने के लिए ग्रामीणों का प्रयास जारी था नदी में तैर कर उस पर से जानवरो के लिए चारे का प्रबंध करना लकड़ियों का प्रबंध करना ग्रामीणों की मुश्किलों का दर्द बयां करता है कि वो लोग किस तकलीफ से गुजर रहे थे।जिसको मैं महसूस कर रहा था लेकिन उनके लिए कुछ कर नही सकता था। मुझे इस बात का मलाल पूरे जीवन भर रहेगा की थोड़ी उन भोले भाले लोगों की तकलीफों को बांट न सका।

निवेदन…
अगर आप लोग बाढ़ कवरेज या बाढ़ देखने जाए तो अपने साथ कुछ न कुछ भोजन और रोजमर्रा की थोड़ी बहुत सामग्री अवश्य ले जाये जिससे जरूरत मंद लोगो की कुछ न कुछ सहायता हो सके। वहां पर बाढ़ ग्रस्त इलाके का मंत्री ने भी दौरा किया और अन्य अधिकारी भी मौके पर जरूरतमंदों की सहायता करने में लगे हुए हैं फिर भी दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।