भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाएं दू़र्वा ;  इसके बिना पूजा होती है अधूरी ,

 

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं. हिंदू धर्म में किसी भी देवी – देवता की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. गणपति को प्रथम पूज्य देव की उपाधि मिली है. किसी भी शुभ कार्यो को करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता है। हमारे शास्त्रों में सप्ताह का हर दिन खास है और उसका अलग महत्व है। मान्यता है कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. विघ्नहर्ता आपके दुखों को हर लेते है और सभी मनोकामानाओं को पूर्ण करते हैं. इस दिन भगवान गणेश को  दूर्वा घास चढ़ाने का विशेष महत्व है.

दूर्वा चढ़ाने का नियम : – दूर्वा एक तरह की घास होती है जो भगवान गणेश को चढ़ाई जााती है. मान्यता है कि इसे चढ़ाने से आप सभी दुख दूर हो जाएंगे. सभी देवताओं में सिर्फ गणेश जी को दूर्वा अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि पूजा में दूर्वा घास के 11 जोड़ों को भगवान गणेश पर अर्पित करना चाहिए. हमेशा किसी साफ जगह से दूर्वा तोड़ना चाहिए. दूर्वा चढ़ाते समय गणेश जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.

कथा : – पौराणिक कथा के अनुसार, अनलासुर नाम का एक दैत्य हुआ करता था. अनलासुर का आंतक से चारों तरफ तबाही मची हुई थी. इस दैत्य का आंतक देख सभी देवी- देवता परेशान थे. तभी सभी देवता त्रस्त होकर भगवान गणेश की शरण में गए और इस समस्या का समाधान मांगेन लगें. तब गणेश ने अनलासुर को निगल लिया. उस राक्षक को निगलने के बाद गणेश जी के पेट में जलन में होने लगी. ऋषियो ने उन्हें जलन से बचाने के लिए दूर्वा घास खाने को दी. इस घास को खाते ही उनके पेट की जलन शांत हो गई. तभी से भगवान गणेश को पूजा में दूर्वा चढ़ाई जाने लगा.