भगवान शिव पर जल अभिषेक ,और इसका महत्व व् शुभ मुहूर्त

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

सावन के साथ आने वही शिवरात्रि का विशेष महत्व और भोले भंडारी के भक्त किस प्रकार से करते हैं पूजा अर्चना। सावन के दौरान आने वाली शिवरात्रि का महत्व बहुत ज्यादा होता हैं। क्योकि भोले बाबा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसलिए भक्ति में भोले भंडारी के भक्त आज के दिन की पूजा को बहुत महत्व देते हैं। इस पूजा के दौरान भोले बाबा को प्रसन्न करते हैं। श्रवण मास की शिवरात्रि पूजा आज हैं। शास्त्रों के मुताबिक आज के दिन अगर भगवान शिव का अभिषेक किया जाये तो भक्तो के लिए बहुत लाभकारी होता हैं। आज के दिन भगवान शिव जी पर अभिषेक करने का शुभ मुहूर्त आपको बताते हैं। कि आज 18 जुलाई दिन रविवार को 12:42 से 19 जुलाई मध्यरात्रि 12:10 तक और महाकाल की की पूजा का समय 19 जुलाई रात 11:33 से 12:10 तक और यदि किसी ने भूल चूक से सोमवार का उपवास नहीं रखा हैं तो वो 20 जुलाई की प्रातः भगवान् शिव जी का अभिषेक कर पारण करे।

पूजा के साथ ही जल अभिषेक का भी एक निश्चित समय विधि पूर्वक होता हैं। भोलेनाथ पर शिवरात्रि का जल अभिषेक सुबह से दोपहर 2 बजकर 45 तक किया जा सकता हैं। पूजा और जल अभिषेक के साथ शिव जी पर बेलपात्र चढ़ाने का भी एक समय होता हैं। इस दिन भगवान शिव पर बेलपात्र चढ़ाने का एक महत्व भी होता हैं। और एक खास नियम भी होता हैं। जो की जानना बहुत जरुरी होता हैं बेलपात्र तोड़ने और चढ़ाने के भी कुछ खास तरीके निश्चित होते हैं। शास्त्रों में ऐसा कह गया हैं की , कुछ ऐसी तिथियों पर बेलपात्र तोड़ना नहीं चाहिए। और शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपात्र एक दिन पहले से तोड़ लेना चाहिए।

इस तरह चढ़ाये बेलपात्र

जो बेलपात्र शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए होते हैं। उसमे कोई भी कटे या फिर छेद नहीं होना चाहिए
शिवलिंग पर तीन पत्ते वाले बेलपात्र चढ़ाने चाहिए जो अखंड हो
हमेशा शिवलिंग पर बेलपात्र उल्टा ही चढ़ाना चाहिए।