भरी बरसात में महिला को बच्ची समेत घर से निकाला, खुले में सड़क पर रहने को मजबूर

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

बेटी बचाओ का नारा देनी वाली योगी सरकार में ग्राम पीलामहुआ थाना हरियावां, हरदोई की बेटी की नही हो रही सुनवाई 

भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है।थानों पर किसी भी गरीब की सुनवाई नही हो रही है लगातार इज्लाम लग रहा है कि पुलिस पैसा लेकर अपराधियो को संरक्षण दे रही है। शिकायती पत्र के अनुसार सुनवाई न होने के का एक प्रकरण ग्राम पीलामहुआ थाना हरियावां का प्रकरण प्रकाश में आया है।मुन्नी पत्नी फिरोज की शादी आज से लगभग डेढ़ साल पहले फिरोज पुत्र सैयदनूर के साथ हुई थी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मुन्नी की शादी में जो खर्च आया था वह उसके परिवार वालो देवर,देवरानियों ने किया था।शादी के बाद कुछ दिन तो आराम से रहने के बाद मुन्नी से दो लाख रुपये की मांग की जाने लगी व मुन्नी को प्रताड़ित किया जाने लगा चुकी मुन्नी का पति मजदूरी करता था इसकारण वह परिवार का विरोध नही कर पा रहा था।जब मुन्नी ने बताया कि उसके मायके वाले कोई पैसा नही दे सकते है तो उसे उसके घरवालों किश्वरी पत्नी सैयदनूर, यूसुफ व यूनुस पुत्र सैयदनूर, सबीना पत्नी यूसुफ़,सीमा पत्नी यूनुस ने घर से निकाल दिया घर से निकाल दिए जाने पर मुन्नी न्याय के लिए हरियावां थाने गई जहाँ उसकी सुनवाई नही हुई।तब उसने 1090 पर फोन किया व पुलिस ने उसको घर मे दाखिल करवाया।लेकिन घर वालो ने पुलिस के साथ साठगांठ कर उसे पुनः घर से निकाल दिया और वर्तमान समय मे मुन्नी गांव में ही तिरपाल में रह रही है।और घर मे जाने की गुहार अधिकारियों से लगा रही है।

क्या बोले हरियावां कोतवाल

जब इस प्रकरण में हरियावां कोतवाल अरविंद सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताता की जिस मकान में मुन्नी की सास किश्वरी रह रही है वह सरकार द्वारा दिया गया प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दिया गया आवास है कुछ दिन पहले पुत्रो ने अपनी माँ को घर से निकाल दिया था।जब वह तहसील न्याय मांगने गई थी तब उपजिलाधिकारी महोदय ने फैसला किया था कि चुकी आवास किश्वरी के नाम से पंजीकरण है इस कारण किश्वरी जिसे चाहे रख सकती है जिसे चाहे न रखे इस कारण किश्वरी नही चाहती है कि उनकी बहू मुन्नी व उसका पति उसके साथ रहे।आगे यह भी बताया कि दहेज मांगने के जो आरोप लगाए गए है वह गलत है।पुलिस ने हर पहलू की जांच की है लेकिन अब मकान मालिक नही चाहता है कि कोई उसके घर मे रहे तो पुलिस किसी पर दवाब नही बना सकती है।

क्या बोले ग्रामवासी

गांव वासियो का कहना है कि मुन्नी की शादी इसी कालोनी को दिखा कर की गई थी कि इसी में मुन्नी शादी के बाद रहेगी। इस कारण इसकी सास को अपनी बहू को अपने साथ रखना चाहिए

बड़ा सवाल

बड़ा सवाल यह है कि , आखिर और बेटो की भांति मुन्नी के पति ने अपना मकान क्यो नही बनवा पाया।और जब शादी इस कालोनी को दिखा कर की गई थी तो अब मुन्नी को घर से क्यो निकाला जा रहा है।पुलिस अपनी जगह पर सही है मुन्नी अपनी जगह पर और किश्वरी अपनी जगह पर तो आखिर दोषी कौन है।और क्या उपजिलाधिकारी महोदय इस बेटी को किसी योजना के तहत आवास नही दिलवा सकते थे या दिलाने की उनकी मंशा नही थी आखिर मुन्नी अपनी छोटी सी बच्ची के साथ कब तक सड़को पर गुजारा करेगी यह बड़ा सवाल है।