मुस्लिम लड़की  के निकाह को अवैध ठहराया , लड़की ने कहा- धर्म 15 साल में शादी की आजादी देता है ,  सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव से तलब किया


नई दिल्ली: एक नाबालिग लड़की की शादी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के गृह सचिव को 23 सितंबर को पेशी पर बुलाया है।   अदालत ने 16 साल की मुस्लिम लड़की की याचिका पर गुरुवार को ये निर्देश जारी किए हैं।

लड़की का कहना है की उसकी शादी को हाईकोर्ट से अवैध करार दिए . इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट की तरफ अपना रुख किया था . लड़की का कहना है की उसकी उम्र 18  साल   से नीचे होने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस शादी को अवैध ठहराया था।

16  वर्षीय मुस्लिम लड़की ने अदालत में दलित   दी कि धार्मिक कानून के हिसाब से 15  साल की उम्र में ही लड़की विवाह योग्य मानी जाती है .  धर्म के अनुसार इस उम्र में लड़की पूरी तरह  स्वतंत्र है अपनी पसंद से शादी करने के लिए , इस पर अदालत ने यूपी के गृह सचिव को तलब किया है।

राज्य सरकार के वकीलो से अदालत ने मांगा जवाब

अदालत ने राज्य सरकार के वकील से जवाब मांगा इस दौरान  जस्टिस एनवी रमन्ना और अजय रस्तोगी की पीठ के सामने राज्य सरकार के वकील ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस मांग के बाद  अदालत ने नाराजगी जताई। अदालत ने मुख्य सचिव को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा है .

उनका कहना है की इसके बाद ही उन्हें मामले की गंभीरता समझ आएगी .  अदालत ने कहा कि इस मामले में जवाब दाखिल करने का समय दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार के संबंधित विभाग ने वकील को स्पष्ट निर्देश नहीं दिए। अगर समय पर मामले की कार्यवाही नहीं की गई तो उन पर अदालत कार्यवाही  करेगी .