यूपी मॉडल की बॉम्बे हाईकोर्ट ने करी तारीफ , कहा यूपी ने पेश करी मिसाल ।


मार्कण्डेय शुक्ला

* यूपी के बड़े शहरों में बनेगें पीडिएट्रिक बेड सहित आईसीयू ।
* ज़रुरत पड़ने पर एक्स सर्विसमैन, रिटायर लोगों की सेवाएं ली जायेगीं ।

कोरोना का क़हर पूरे देश में छाया हुआ है, महाराष्ट्र , कर्नाटक , तमिलनाडु समेत तमाम राज्य अभी भी कोरोना पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं , लेकिन इन सबके बीच अच्छी खबर यह है कि योगी सरकार की सकारात्मक नीतियों के चलते उत्तरप्रदेश में नए संक्रमितों की संख्या में भारी गिरावट आयी है ।

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर भी देश में दस्तक देगी, और उसमें सबसे ज़्यादा खतरा बच्चों को लेकर ज़ाहिर किया गया है । इसी के चलते योगी सरकार ने देश में पहल करते हुए बच्चों के लिए प्रदेश के हर बड़े ज़िलों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने की योजना पर काम चालू कर दिया है. कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की सरकार ने जो मॉडल अपनाया है उसकी बॉम्बे हाईकोर्ट ने तारीफ करी है ।कोरोना से बच्चों को बचाने तथा उनके इलाज करने की जो व्यवस्था यूपी सरकार कर रही है, उसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने उचित माना और इसका ज़िक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि ऐसा सकारत्मक कदम महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं उठाती ।

मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारीयों से युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा है , साथ ही अधिकारियों को बच्चों के इन अस्पतालों के लिए मानव संसाधन बढ़ाने के भी आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़े तो इसके लिए एक्स सर्विसमैन, रिटायर लोगों की सेवाएं ली जाएं। मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को ट्रेनिंग देकर उनसे फोन की सेवाएं ले सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के ‘यूपी मॉडल’ की जमकर तारीफ की है। इस दोनों संस्थाओं ने कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण का फैलाव रोकने के किए उन्हें होम आइसोलेट करने को लेकर चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के महाअभियान और यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की खुल कर सराहना की।

योगी सरकार ने कहा है जल्द ही हर बड़े जिले में बच्चों के लिए पीडियाट्रिक बेड की सुविधा शुरू हो जाएगी और सरकार का यह उद्देश्य रहेगा कि प्रदेश का यदि कोई भी बच्चा संक्रमित होता है , तो उसे सबसे बेहतर सुविधएं मुहैया कराई जायेंगीं और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बच्चे इस बीमारी से जल्द स्वस्थ होकर अपने घर लौट सकें।