ये तीन योजनाएं ; जहां निवेश कर सीनियर सिटीजन कमा सकते हैं , मोटा मुनाफा …

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
बढ़ती महंगाई आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है। कि सभी लोग इस चुनौती को पूरा करने में पड़े हुए हैं , जोकि अभी भी बहुत सी ऐसी योजनाए हैं जिसमे निवेश कर के सीनियर सिटीजन मोटा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको कोई सामान साल के शुरुआत में 100 रुपये की मिल रही है तो साल समाप्त होते-होते यह 106 रुपये की हो जा रही है, अगर हम महंगाई को 6% माने तब। ऐसे में बड़ी चुनौती है कि कहां इनवेस्टमेंट किया जाए जिससे इस महंगाई पर काबू पाया जा सके। खासकर हाल ही में रिटायर हुए लोग, जिनकी नियमित आय कम हो गई है।

मौजूदा समय में लोग रिटायर होने के बाद अपना पैसा फिक्सड डिपाॅजिट जैसी स्कीम में लगा रहे हैं, जिसपर मिलने वाला रिटर्न बढ़ती महंगाई की अपेक्षा काफी कम है। इसके अलावा अन्य स्कीम भी महंगाई दर के हिसाब से बहुत उत्साहित करने वाला रिटर्न नहीं दे रही हैं। मौजूदा समय में एसबीआई 1 साल के एफडी पर 5% रिटर्न दे रहा है, जिसकी तुलना अगर हम महंगाई दर से करें तो देख पाएंगे कि यह इनवेस्टमेंट भी नाकाफी है। ऐसे में सवाल है कि आखिरी अपना पैसा रिटायरमेंट के बाद लगाएं कहां जिससे बढ़ती महंगाई का असर ना पड़े। आइए जानते ऐसी ही तीन स्कीम्स के विषय में-

रिजर्व बैंक बाॅन्ड्स (RBI Bonds) :- आरबीआई बॉन्ड्स पर निवेशकों को 7.15 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। निवेशकों को बांड पर किसी निश्चिच दर से ब्याज नहीं मिलता है बल्कि हर 6 महीने पर ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है। इसको केंद्र की ओर से नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के साथ जोड़ा गया है। इन बाॅन्ड्स की समय सीमा 7 साल है। इसके अलावा इस पर कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम :- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम एक बेहतर विकल्प है। पांच साल के लिए एक या उससे अधिक अकाउंट खोले जा सकते हैं। लेकिन लिमिट 15 लाख तक की ही है। मौजूदा समय में इस स्कीम पर 7.4 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है, ब्याज दरों की समीक्षा तिमाही होती है। इसपर मिला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा क्योंकि सरकार का मानना है कि यह अन्य इनकम सोर्स है। अगर साल भर में ब्याज का पैसा 50,000 से अधिक रहेगा तब भी TDS कटेगा।

क्रेडिट रिस्क फंड :- पहले दो स्कीम में मूल धन पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। लेकिन रिटर्न टैक्स के दायरे में आने की वजह से उतना आकर्षक नहीं रहा जाता है। ऐसे में क्रेडिट रिस्क फंड जैसे म्युचुअल फंड हैं। जो डेट में निवेश करते हैं। हालांकि इनमें मूलधन खोने का खतरा रहता है। पिछ्ले एक साल के दौरान इसमें 8.12% तक रिटर्न मिला है। पर यहां इनवेस्टमेंट करने पर रिटर्न का रिस्क भी रहता है।