योग हैं हर मर्ज की दवा जाग्रत कर सकते हैं आध्यात्मिक शक्ति

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

योग एक ऐसी विधा है, जिसे हर आयु वर्ग में किया जा सकता है। बच्चे, बड़े और बुर्जुग कोई भी अपनी शरीर की क्षमता के अनुसार योग का अभ्यास कर सकते हैं। कोविड जैसी वैश्विक महामारी ने लोगों के मन में इस धारणा को पूरी तरह से बैठा दिया है कि शरीर को अंदर से लेकर बाहर तक हमें मजबूत रखना ही होगा। वहीं योग एक करियर के तौर भी तेजी से उभरने लगा है।

: – हर दिन अलग तरीके का योग

व्यक्ति को रोज सुबह साढ़े पांच बजे नियमित रूप से बिस्तर छोड़ चाहिए। फिर शारीरिक अभ्यास और योग करना चाहिए । अभ्यास का कोई एक तरीका नहीं है। वह अलग- अलग तरीके का अभ्यास किया जा सकता हैं। कमर को लचीला बनाने, हाथों को मजबूत करने का अभ्यास योग के करने से होता हैं। साथ ही प्राणायाम भी कर सकते हैं। नियमित अभ्यास से मानसिक शांति भी मिलती है। व्यक्ति के शरीर में जो दर्द 10 से 15 दिन में होता था, पर वही दर्द योग करने से छह से सात महीनों में कभी कभार होता है। माइग्रेन की समस्या से निजात के लिए अनुलोम – विलोम, नाड़ीशोधन, भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं और साथ ही ओम का उच्चारण और ध्यान भी लगाना आवश्यक हैं। सभी के लिए यह जरूरी है। फिटनेस के लिए भी योग को सबसे बड़ा मंत्र कहा जा सकता हैं। आजकल की भागदौड़ में हम अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इसमें अगर हम सुबह जल्दी उठकर नियमित तौर पर 45 मिनट ही योग अभ्यास अपने घर पर ही कर लें तो खुद को फिट रख सकते हैं। हमें अगर स्वस्थ जीवन जीना है बीमारियों से दूर रहना है, मानसिक तनाव से मुक्त रहना है तो योग को तो अपनाना ही होगा।

: – हर तरह का है योग

जो व्यक्ति बहुत व्यस्त रहते हैं , वहां आजकल कारपोरेट योगा भी चलन में आ गया है। इसमें आफिस में बैठे-बैठे भी योग का अभ्यास किया जा सकता है। अधिक देर तक कंप्यूटर पर बैठने, मोबाइल पर अधिक देर तक जुड़े रहने, कमर झुकाकर बैठने से पीठ दर्द, सर्वाइकल की समस्या आ जाती है। इससे निजात पाने के लिए सूक्ष्म व्यायाम, भुजंग आसन, धर्नुआसन, शलभ आसन आदि का अभ्यास कर सकते हैं।