रसोई में गैस लीक होने का नहीं रहेगा खतरा ; लखनऊ विश्वविद्यालय बना रहा : नैनो सेंसर ,

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

घरों या होटलों में एलपीजी गैस लीकेज का पता लगाना अब हो जाएगा आसान। गैस लीक होने पर नैनो सेंसर अलर्ट कर देगा। जिससे दुघर्टना होने से बचेगी। लखनऊ विश्वविद्यालय का भौतिक विज्ञान विभाग जल्द ही नैनो सेंसर बनाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगा। अभी तक बजट मिलने में देरी और फिर कोरोना की वजह से प्रक्रिया रुक गई थी। लेकिन अब शासन ने पैसा जारी कर दिया है। दरअसल, हर साल उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत शोध से जुड़े कार्यों के लिए प्रोजेक्ट दिए जाते हैं। वर्ष 2019 में भी लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान सहित कई विभागों को प्रोजेक्ट मिले थे। इनमें भौतिक विज्ञान विभाग को ‘डेवलपमेंट ऑफ नैनो मैटीरियल फॉर रूम टैंप्रेचर गैस सेंसि‍ंग’ का प्रोजेक्ट भी शामिल था। विभाग की हेड ने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए करीब 18 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। लेकिन, धनराशि देर से जारी होने और फिर लॉकडाउन के चलते काम शुरू नहीं हो पाया। अब बजट आ गया है। जल्द ही प्रोजेक्ट पर विभाग काम शुरू कर देगा।

: – जरा सी महक हुई तो बता देगा सेंसर

सूत्रों के मुताबिक गैस लीकेज और उसकी सेंसिग न होने की वजह से बहुत सी घटनाएं होती हैं। घरों में जब तक महक न आए, हम लोग गैस लीक नहीं मानते हैं । कभी-कभी महक आने में देर हो जाती है और गैस लगातार लीक होती रहती है। इसलिए ऐसा नैनो सेंसर तैयार करेंगे जो कमरे के तापमान में सेंस कर सके। यानी जरा सी गैस लीकेज की क्वांटिटी को भी सेंस करने की क्षमता हो। इसके लिए नैनो मैटीरियल को इस्तेमाल करके तैयार करके गैस सेंसर डेवलप करेंगे। फिर एलपीजी गैस सेंङ्क्षसग पर इसकी टेङ्क्षस्टग होगी। एक साल में यह प्रोजेक्ट तैयार करना है।

: – वातावरण में फैली गैसों के लिए अलग से होगा सेंसर

विभाग की योजना है कि इस प्रोजेक्ट के बाद वातावरण में गैसों का भी सेंसर के जरिए पता लगाने के लिए ऐसा सेंसर तैयार किया जाए। इस पर भी काम शुरू किया जाएगा।