लखनऊ रोड पर प्लाट लेने से पहले करे पूरी पड़ताल भू माफिया दे सकते है सरकारी भूमि पर कब्जा

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

अगर आप नानक गंज में अपने खून पसीने की कमाई से जमीन खरीदना चाहते है। तो यह खबर आप के लिए बेहद जरूरी है कही ऐसा न हो कि आप के सपनो के महल को सरकारी भूमि पर बनवा दिया जाए और एक दिन सिर्फ एक शिकायत पर उसको गिरा दिया जाए। नानक गंज ग्रांट सभा मे ज्यादातर जो भी सरकारी भूमिया है वह बेहद ही बेशकीमती है इस कारण भू माफियाओ की नज़र उन पर रहती है कि किसी तरह उनको हड़प लिया जाए। हमारी आज की खबर से आप जान पाएंगे कि आखिर भू माफिया इन जमीनों को हड़पने के लिए किस प्रकार का खेल खेलते है। दरअसल भू माफिया सरकारी भूमि के पड़ोस के गाटा संख्या को खरीद लेते हैं। तत्पश्चात खरीदे हुए गाटा संख्या का नम्बर डाल कर बैनामा कर देते है। परन्तु कब्जा कस्टमर को ग्राम समाज की जमीन पर देते है। यह सारा खेल राजस्व विभाग की मिलीभगत से खेला जाता है। और अगर कभी कोई शिकायत भी होती है। तो धारा 67 बेदखली की कार्यवाही मात्र कागज पर कर दी जाती है लेकिन अवैध कब्जेधारक का कब्जा सरकारी भूमि पर बरकरार रहता है।

आज का प्रकरण बिल्कुल ऐसा ही है।हरदोई की नामी गिरामी रसूखदार लोगो की फर्म नेक्सेरा की शह पर क्रेता बन्धन प्रोजेक्ट्स लखनऊ ने नानक गंज ग्रांट में विक्रेता राम प्रताप गुप्ता पुत्र राम चरन गुप्ता निवासी आवास विकास कालोनी से व उनकी पत्नी शांति गुप्ता व उनके पुत्र अजय गुप्ता से प्लाटिंग करने हेतु लगभग नौ बीघा जमीन खरीदी थी। क्रेता बन्धन प्रोजेक्ट्स द्वारा खरीदी जमीन में एक गाटा संख्या 1232 भी शामिल था यह गाटा संख्या सरकारी भूमि गाटा संख्या 1231 के निकट था। सरकारी भूमि 1231 पर राम प्रताप का वर्ष 2017 से कब्जा था वर्ष 2018 में जुर्माने व बेदखली की कार्यवाही भी राम प्रताप गुप्ता पर सिर्फ कागजों पर की गई थी। वर्ष 2017 में सरकारी भूमि 1231 की राजस्व विभाग द्वारा जो कीमत दर्शाई गई थी वह 6500000 रुपये थी।इस बेश कीमती जमीन पर हरदोई के भू माफियाओ की नज़र थी इस सरकारी जमीन को हड़पने के लिए भू माफियाओ ने पर्दे के पीछे रह कर राम प्रताप गुप्ता आदि से विवादरहित उनकी जमीन गाटा संख्या 1245 , 1232,1241,1240,1237,1239,1238,1236,1234 को लखनऊ की फर्म बन्धन प्रॉजेक्ट्स के नाम दिनाक 28/01/2020 को बैनामा करा दी व प्लाटिंग शुरू कर दी। प्राप्त दस्ताबेजो के आधार पर नेक्सेरा कम्पनी द्वारा जो बाउंड्रीवाल बनवाई गई है उस बाउंड्रीवाल के अंदर सरकारी भूमि को भी घेर लिया गया है व 2018 में लेखपाल द्वारा बनाये गए नक्शे में दर्शाए गए सार्वजनिक चकरोड को भी कब्जा कर लिया गया है।
जब इस प्रकरण से संबंधित नेक्सेरा कम्पनी के एक सदस्य विश्व दीपक दीक्षित से मुलाकात कर जानकारी की गई तो उन्होंने अवगत कराया कि हमारे सहयोगी बंधन प्रोजेक्ट्स द्वारा खरीदी गई जमीन की नाप के लिए प्रार्थना पत्र सदर तहसील में दिया गया है व कुछ जमीन का बैनामा किया गया है।

एक बात समझ से परे है। जब लेखपाल द्वारा अभी नाप नही की गई है। तब किये गए बैनामे में चौहद्दी किस आधार पर डाल दी गई। पूर्व के पट्टाधारक प्रेमकिशोर द्वारा जो नीव भरी गई थी। उसको अवैध निर्माण बता कर गिरा दिया गया। फिर आखिर नेक्सेरा कम्पनी को दीवार कैसे खड़ी हो गई। नेक्सेरा कम्पनी द्वारा दीवार खड़ी कर लेना दर्शाता है। कि कही न कही हरदोई का राजस्व विभाग इस पूरे खेल में शामिल है।