लखीमपुर :- जांच के अभाव में नहीं मिल पाई ; छह बच्चों को सरकारी मदद ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
कोरोना संक्रमण के कारण कई बच्चे अपने माता या पिता को खो चुके हैं। वही इनमें से 32 परिवार ऐसे हैं जिनको सरकारी मदद मिल रही है। कुछ माता-पिता कोरोना संक्रमण से खत्म तो हुए , लेकिन उनकी जांच न हो पाने से ऐसे आधा दर्जन बच्चे सरकारी मदद से महरूम रह गए। इन बच्चों से आर्थिक मदद पाने के लिए माता-पिता की मौत कोरोना से हुई है इसके अभिलेख मांगे गए। पहले से ही परेशान इन बच्चों के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि वे कोरोना से हुई मौत कैसे साबित करें। शहर के एक परिवार की तीन छोटी-छोटी पांच से 12 साल की बेटियां हैं। जिनकी मां रात में बीमार हुईं जिन्हे चिकित्सक को दिखाया गया। सुबह जांच से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।

शहर के ही आधा दर्जन ऐसे बच्चे प्रकाश में आए हैं। एक ही परिवार में 12 घंटे में तीन लोगों की मृत्यु हो गई। जिसमें दो लोगों का एक निजी अस्पताल में जांच व इलाज हुआ था, लेकिन प्रशासन द्वारा उसी दौरान अस्पताल को सीज कर दिया गया था। जिसके चलते कोई अभिलेख नहीं मिल पाए। इस परिवार के बच्चों को कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई है शहर के ऐसे सभी परिवार सामूहिक हैं। जिसके चलते इन बच्चों को अपने मां या बाप के खोने का अहसास नहीं हो पा रहा है। परिवार के अन्य सदस्य इन बच्चों का पूरी तरह से ख्याल रख रहे हैं। शुरुआती एक सप्ताह का समय इन बच्चों के लिए जरूर कष्टदायक गुजरा।

जिसमें अपने माता-पिता को यह कहकर याद करते हैं कि वे कब आएंगे। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अपने मां बाप खो चुके बच्चों को चार हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। जिन बच्चों की देखभाल करने के लिए कोई केयर ट्रेकर नहीं है उन बच्चों को सरकार गोद लेगी और उनके रहने से लेकर खाने – पीने व पढाई लिखाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। अनाथ बालिकाओं की शादी के वक्त सरकार एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी। स्कूल में पढने वाले व व्यावसायिक शिक्षा लेने वाले बच्चों लैपटाप व टैबलेट भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना उन बच्चों के लिए लागू होगी जो दस वर्ष से कम आयु के हैं।

जिम्मेदार की सुनिए :- जानकारी मिलने पर इन परिवारों की जांच कराई गई। जांच के वक्त इनके पास कोरोना संक्रमण से संबंधित कोई अभिलेख नहीं मिले जिससे ये सिद्ध हो सके कि इनके मां-बाप की मृत्यु कोरोना से हुई है।