लॉकडाउन के बाद लगातार बच्चों को महिला शिक्षिका शिवानी सिंह दे रही शिक्षा सेवाएं

संवाददाता राकेश कुमार

रीडर टाइम्स न्यूज़

लखनऊ बाराबंकी जनपद के प्राथमिक विद्यालय भियामऊ की शिक्षिका शिवानी सिंह द्वारा ‘हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने’ युवा आगे बढ़े की मुहिम चलाई जा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने के बाद शिक्षिका 30-35 बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का कार्य शुरू किया | किन्तु नेटवर्क की समस्या व रिचार्ज की समस्या की वजह से यह उपयुक्त नहीं हो पाया। साधारण कॉल व SMS के जरिए भी प्रयास जारी रखा लेकिन नामांकन के सापेक्ष इस प्रयास का भी उतना प्रतिफ़ल नहीं मिला। अतः सोशल साइट्स पर समुदाय सहभागिता जैसे SMC द्वारा किए शिक्षा को जारी रखने के प्रयासों से सीख ली और फिर शिक्षिका ने गांव में पढ़े लिखे युवकों, युवतियों को जोड़ा उन्हें प्रेरित करना शुरू किया। यह प्रयास उन्होंने सर्वप्रथम अपने कार्यक्षेत्र भियामऊ से शुरू किया। धीरे-धीरे प्रयास सफ़ल होने के साथ ही अन्य गांव पासिनपुरवा, रीठी, सिकंदरपुर, तारागंज, बिबियापुर, मितई पुरवा, रनापुर, सतरही, गढ़ी,घरकुइयां,गौरा, मानपुर, दांदूपुर, पेचरुआ, भेटमुआ, मिश्रन पुरवा, नरेन्द्र पुर, गोतौना, पूरे गोसाई पुरवा, गुलालपुर समेत कुल 22 गांव से 503 युवाओं ने वृक्षारोपण करते हुए बुनियादी शिक्षा को सशक्त करने व मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को हासिल करते हुए प्रेरक गांव बनाने का संकल्प लिया। इस मुहिम के अंतर्गत गांव के पढ़े- लिखे युवाओं द्वारा गांव के बच्चों के छोटे- छोटे समूह बनाकर शिक्षण कार्य करते है।

जिसके लिए उनके द्वारा किसी बच्चे से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं ली जाती हैं। युवाओं से व ग्रामीणों ने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे इस कोरोना महामारी के समय में एक सफल प्रयास माना और कहा इससे पढ़े- लिखे युवकों के समय का सदुपयोग होगा व छोटे बच्चों को शिक्षा का लाभ मिल पायेगा। अब तक लगभग 1300 से ऊपर बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।बता दें कि कोविड -19 महामारी से पहले शिक्षिका द्वारा दो गांव की महिलाओं को भी पढ़ाने का कार्य करती थी। शिक्षिका द्वारा विद्यालय समय के बाद व अवकाश के दिनों में भी शिक्षणकार्य किया जाता था। अपने विद्यालय में भी प्रोजेक्टर, मल्टीमीडिया स्पीकर, लैपटॉप, स्मार्टफोन की मदद से पढ़ाती हैं। अपने शिक्षण को बेहद रोचक व नवाचारी तरीकों से पढ़ाती हैं। लॉक डाउन के समय उन्होंने बच्चों को एक विदेशी भाषा ‘स्पेनिश’ भी सिखा रही हैं। शिक्षिका द्वारा अब एक और मुहिम ‘डिजिटल साक्षरता’ की शुरुआत आज से की गई। जिसमें गांव के युवाओं की बैठक कर उनसे उनकी प्राथमिकताओं का सर्वे किया गया। जिसके आधार पर कोर्स डेवेलोप कर 15-20 बैच बनाकर प्रशिक्षण का कार्य शुरू किया जायेगा, उपलब्धियां-राष्ट्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस परेड दिल्ली में प्रतिभाग लिया 2009, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय स्वयं सेवक पुरस्कार 2010, भारत सरकार, इंडियन यूथ डेलीगेशन, चीन के प्रतिनिधि मंडल में शामिल हुई। 2011, शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के लिए अरबिंदो सोसाइटी व शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 प्राप्त किया