वर्ल्ड टोबैको डे: भारत में हर साल 10 लाख लोगो के मौत का कारण है तम्बाकू

1510945759140

आज वर्ल्ड नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। तंबाकू सेवन किस कदर घातक हो सकता है, इसका अंदाजा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की उस रिपोर्ट से लगाया जा सकता है| जिसमें बताया गया है कि पिछली यानी 20वीं सदी में तंबाकू सेवन से मरने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा थी। धूम्रपान करने वाले हर व्यक्ति के शरीर में एक साथ 7000 से ज्यादा हानिकारक केमिकल्स का असर पड़ता है| इसमें से 250 से ज्यादा केमिकल बहुत ज्यादा खतरनाक और 69 केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं| जी हां यह बात एक रिसर्च में सामने आई है| इन्हीं हानिकारक केमिकल्स की वजह से भारत में सबसे ज्यादा मौतें तंबाकू से होती हैं. धूम्रपान और तंबाकू से क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डीजीज (सीओपीडी), हृदयधमनी रोग (सीवीडी) और फेफड़े के कैंसर होता है|

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया की करीब 7 अरब आबादी में 1 अरब लोग सिगरेट के जरिए तंबाकू का सेवन करते हैं। यानी हर 7 में से 1 शख्स इस खतरनाक आदत का शिकार है। दुनियाभर के 12 प्रतिशत (करीब 12 करोड़) स्मोकर्स भारत में हैं।

हर साल 10 लाख से ज्यादा भारतीयों की मौत
भारत में हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। देश में 16 की उम्र से कम 24 फीसदी बच्चे किसी ना किसी पड़ाव पर तंबाकू का सेवन कर चुके हैं, जबकि 14 प्रतिशत अब भी तंबाकू उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य के 2016 सर्वे के मुताबिक, भारत के 44.4% पुरुष किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। वहीं करीब 6.8% महिलाएं भी हर दिन तंबाकू का इस्तेमाल करती हैं|

89a3ab77592fe5750deb5efea858ef95

विश्वयुद्ध से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है तम्बाकू सेवन से

विशेषज्ञो के मुताबकि विश्व में तम्बाकू सेवन से जितने व्यक्तियों की मौत हो चुकी है| उतने तो विश्वयुद्ध में भी नहीं ख़त्म हुए थे| हर साल सिगरेट पीने और उसके धुएं से मरने वालों की संख्या 70 लाख से ज्यादा है। तंबाकू सेवन से हर 6 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फेफड़े की बीमारियां तंबाकू से जुड़ी कुछ बेहद गंभीर परेशानियां हैं। हर साल करोड़ो लोग इन बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं 20वीं सदी में तंबाकू सेवन की वजह से करीब 10 करोड़ लोगों की जानें गईं। ये विश्व युद्ध-1 (करीब 1.8 करोड़ मौतें) और विश्व युद्ध-2 (करीब 8 करोड़ मौतें) में हुई मौतों से भी ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अगर इसी तरह तंबाकू की खपत जारी रही तो 21वीं सदी में इसके असर से मरने वालों की संख्या 1 अरब के पार जा सकती है।

भारत में तम्बाकू उत्पादन स्वीट्जरलैंड के बराबर

दुनियाभर में तंबाकू पैदा करने के लिए करीब 43 लाख हेक्टेयर (1 करोड़ एकड़) जमीन इस्तेमाल हो रही है। ये स्विट्जरलैंड के क्षेत्रफल के बराबर है। टोबैको एटलस वेबसाइट की रिपोर्ट में दावा है कि हर साल दुनिया में करीब 46 लाख करोड़ रुपए की सिगरेट बिक्री होती है। स्मोकर्स हर साल 5.7 ट्रिलियन सिगरेट पी जाते हैं। यानी हर मिनट करीब 1 करोड़ 10 लाख सिगरेट की खपत होती है। दुनिया की पांच बड़ी कंपनियां 80 फीसदी सिगरेट बाजार को नियंत्रित करती हैं। 2015 में टॉप-6 कंपनियों ने 4 लाख करोड़ का लाभ अर्जित किया था।