शराबबंदी पर सरकार निभाये अपना वादा अन्यथा विधानसभा का होगा घेराव-पूनम अंकुर छाबड़ा

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स न्यूज़

जयपुर : प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट और 14 अगस्त से विधानसभा सत्र आहूत करने की तैयारी के साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार को अब जस्टिस फ़ॉर छाबड़ा सन्गठन के सम्पूर्ण शराबबंदी समर्थकों से भी होगा जूझना होगा ।

गौरतलब है कि राजस्थान में शराब बंदी हेतु अनशन करते हुए अपने प्राणो का बलिदान देने वाले स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा के साथ हुए लिखित समझोतों को राजस्थान सरकार द्वारा बार बार दरकिनार किया जा रहा है जिससे खफा होकर सम्पूर्ण शराबबंदी आन्दोलन की अगुआ जस्टिस फ़ॉर छाबड़ा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेज शराबबंदी की अपनी मांग को दोहराते हुए विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है।

पूनम अंकुर छाबड़ा ने पत्र में लिखा है कि 6 नवंबर 2016 के राज्य सरकार बनाम पूनम अंकुर छाबड़ा के अनशन के दौरान हुए लिखित समझौते को सरकार द्वारा अभी तक लागू नहीं किया गया है । पूनम अंकुर छाबड़ा ने बताया कि उनके अनशन के दौरान सरकार के साथ हुए समझौते में यह तय हुआ था कि आबकारी कमेटी व राज्य स्तरीय कमेटी की मीटिंग हर माह होनी थी जिसे सरकार द्वारा एक बार भी नहीं आहूत किया गया है जो सरकार के द्वारा किये लिखित समझौते का खुला उल्लंघन है और बार बार सरकार द्वारा शराब बन्दी की मांग को अनदेखा कर किया जा रहा है जो कि उचित नहीं है ।उन्होंने कहा है कि इस वैश्विक आपदा के दौर में भी आज शराब की बिक्री गहलोत सरकार के राज में 24 घंटे चालू है तथा दुकान के बाहर विज्ञापन सम्बन्धी नियमो की अवहैलना हर शराब दुकान द्वारा की जा रही है । आज कोरोना महामारी के समय आम ज़न के पास खाने की समस्या है और सरकार द्वारा शराब की बिक्री ज़ोर शोर से करवाना जनहित से परे है ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर ने कहा कि जस्टिस फ़ॉर छाबड़ा संगठन सम्पूर्ण प्रदेश के शराबबंदी समर्थकों के साथ शराब की बिक्री पर पूर्ण रूप से बैन लगाने की माँग के साथ 17 अगस्त 2020 को एक दिवसीय विधानसभा घेराव कर शराब बंदी की मांग करेगा ।