शासन के पाले में सैलानियों की ‘जेब पर बोझ’ बढ़ाने का प्रस्ताव ,अब ताजमहल का दीदार होगा महंगा

ताजमहल का दीदार और महंगा होगा। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की बोर्ड बैठक में ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, अकबर का मकबरा (सिकंदर), मरियम टूम और एत्माद्दौला का टिकट बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

इसके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। अगर वहां से मंजूरी मिलती है तो ताजनगरी के पांच स्मारकों की टिकट दरें 15 से 30 रुपये तक बढ़ जाएंगी।स्मारकों की टिकट में दो तरह के शुल्क शामिल होते हैं।

कुछ हिस्सा पुरातत्व विभाग का और कुछ आगरा विकास प्राधिकरण का। अब तक पुरातत्व विभाग का हिस्सा ज्यादा है। एडीए ने तय किया है कि दोनों का हिस्सा बराबर रहेगा। एडीए अपना शुल्क पथकर के रूप में वसूलता है।

इसे ही बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। ताजमहल का टिकट भारतीय सैलानियों के लिए अब तक 50 रुपये का है। इसमें पथकर 10 रुपये है, पुरातत्व विभाग का शुल्क 40 रुपये है। दोनों के बराबर हो जाने पर 40-40 रुपये हो जाएगा।

इस तरह टिकट 80 रुपये का होगा। अन्य स्मारकों की दरें भी इसी अनुपात में बढ़ेंगी।हाल ही में ताजमहल के मुख्य गुंबद की कब्र देखने के लिए 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट लागू किया गया था।

मुख्य गुंबद समेत ताजमहल देखने के लिए भारतीय पर्यटकों को 250 रुपये और विदेशियों को 1300 रुपये का टिकट लेना पड़ रहा है।बता दें कि नीरी की सिफारिश पर ताजमहल में भीड़ प्रबंधन के लिए एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने एस्टेप टिकटिंग व्यवस्था लागू की है।

इस व्यवस्था के बाद अब फिर से टिकट दर बढ़ाने का प्रस्ताव एडीए की बैठक में मंजूर हुआ है।हालांकि जो भारतीय पर्यटक कब्र नहीं देखना चाहते हैं, वो 50 रुपये में ताजमहल का दीदार कर सकते हैं।

वहीं विदेशी पर्यटकों को 1100 रुपए देने पड़ रहे हैं। ताजमहल के साथ-साथ आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला, अकबर का मकबरा के भी टिकट दर बढ़ाने का प्रस्ताव बैठक में मंजूर हुआ है।

आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष शुभ्रा सक्सेना ने बताया कि बोर्ड बैठक में पथकर बढ़ाने का निर्णय सर्वसम्मति से हुआ है। इससे एडीए की आय बढ़ेगी। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।