शाहाबाद, सांडी व बिलग्राम की ग्राम पंचायतों के लिए सोशल ऑडिट के लिए हुआ एन्ट्री कॉन्फ्रेंस का आयोजन

सोशल ऑडिट टीम,ऑडिट के मूल उद्देश्यों को पूरा करें- राजेंद्र श्रीवास

सोशल ऑडिट टीम और इंप्लीमेंट एजेंसी के बीच बेहतर समन्वय हो- इंद्र भूषण सिंह

रिपोर्ट : गोपाल द्विवेदी , रीडर टाइम्सहरदोई : जिले के विकास खंड शाहाबाद, सांडी व बिलग्राम की ग्राम पंचायतों के सोशल ऑडिट हेतु ऑडिट पूर्व एंट्री कॉन्फ्रेंस का आयोजन परियोजना निदेशक एवं प्रभारी जिला विकास अधिकारी राजेंद्र श्रीवास की अध्यक्षता में स्वर्ण जयंती सभागार विकास भवन में संपन्न हुई, जिसमें 3 ब्लाक शाहाबाद, सांडी, बिलग्राम के बीआरपी, बीसेक, ग्राम विकास अधिकारी एवं ग्राम रोजगार सेवक तथा तकनीकी सहायक उपस्थित हुए।

एंट्री कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रभारी जिला विकास अधिकारी राजेंद्र श्रीवास ने कहा कि सोशल ऑडिट के मूल उद्देश्यों की परिपूर्ति होनी चाहिए। ध्यान रहे अधिक से अधिक मामलों को निस्तारित करने की कोशिश की जाए। जिसमें ग्राम सभा के पदेन को इसकी जानकारी रहनी चाहिए कि अमुक कमियां प्राप्त हुई है और इससे दूर करने की कोशिश होनी चाहिए।

जिला सोशल ऑडिट कोआर्डिनेटर इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि इंप्लीमेंट एजेंसी और सोशल ऑडिट टीम के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए पर यह देखने को मिल रहा है कि यह तालमेल बेहतर नहीं हो सका है ग्राम विकास अधिकारियों और अन्य तकनीकी सहायकों की अनुपस्थिति से यह तालमेल नहीं बन पा रहा है।

उन्होंने उपस्थित ग्राम रोजगार सेवकों, ग्राम विकास अधिकारियों से कहा कि ऑडिट के प्रथम दिन ही वह अभिलेखों को ऑडिट हेतु उपलब्ध कराएं।बैठक के दिन उपलब्ध कराए गए अभिलेखों को देना कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने समस्त बीआरपी, बीसेक को आदेश दिए कि वह प्रथम दिन ही अभिलेख के प्राप्ति होने का विवरण तुरंत भेजें।श्री सिंह ने बताया कि कोशिश यह होनी चाहिए कि ऑडिट सतही रूप से न होकर मूल उद्देश्यों की प्राप्ति हो, जिसमें ग्रामसभा और इंप्लीमेंट एजेंसी का सहयोग अनिवार्य है।

मालूम हो कि सोशल ऑडिट होने से पूर्व एंट्री कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाता है इसके बाद सोशल ऑडिट में ग्राम सभा की बैठक नियति समय पर होती है जिसमें पारदर्शिता ढंग से सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है यही नहीं, सोशल ऑडिट हो जाने के बाद एग्जिट कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी होता है जिसमें प्रधानों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय करनी पड़ती है।

कोशिश यह होनी चाहिए कि एग्जिट कॉन्फ्रेंस में ही समस्त इंप्लीमेंट एजेंसी उपस्थित होकर उन कमियों को निस्तारित करा लिया जाए जिससे सोशल ऑडिट के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके। बैठक में 3 ब्लॉकों के सोशल ऑडिट के बीआरपी बीसेक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक एवं तकनीकी सहायक उपस्थित रहे।