श्रीलंका में भारत के 100 से ज़्यादा पर्यटक 1 महीने से फँसे,हालात बदतर..!

 

रिपोर्ट :- मार्कण्डेय शुक्ला

* पर्यटक लगातार लगा रहे हैं भारत सरकार से घर वापसी की गुहार  ।  

* कइयों के पैसे ख़तम, जल्द पहुंचेगें भुखमरी की कगार पर  ।  

* लोग भयानक रूप से डिप्रेशन का शिकार।  

* श्रीलंकाई सरकार ने वीज़ा 12 मई तक बढ़ाया ।  

* रीडर टाइम्स को 65 लोगों की लिस्ट मिली । 

 

कोरोना महामारी से पूरा विश्व युद्ध लड़ रहा है. भारत में मोदी सरकार की सही रणनीति के तहत कोरोना पर काफी हद तक लगाम लगायी गयी है। देश के कई जिले कोरोना मुक्त भी घोषित करे गए हैं, पर इन सबके बीच श्रीलंका में भारत के 100 से ज्यादा  पर्यटक पिछले 1 महीने से फंसे हुए हैं। श्रीलंका को  इस समय पूरा लॉक डाउन किया गया है और ज़्यादातर जगहों पर कर्फ्यू भी लगा हुआ है । रीडर टाइम्स के  संवाददाता से हुई वार्ता में लखनऊ के फंसे संजय कुमार ने बताया कि श्रीलंका में वो और उन जैसे सैकड़ों लोग फँसे हुए हैं। कुछ लोग कोलम्बो में तो कुछ लोग नेगांबो में हैं. संजय ने बताया कि सब लोग एक दूसरे से व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर संपर्क में हैं क्योंकि शहर में कर्फ्यू लगा हुआ हैं. कई लोगों ने श्रीलंका में भारतीय दूतावास से सहायता मांगी, जिसपर भारतीय दूतावास ने एक 3 स्टार होटल भारतीय फँसे लोगों के लिए मुहैया कराया है, लेकिन होटल का खर्च हर व्यक्ति को स्वयं वहन करना है। होटल के कमरे का किराया 60 डॉलर , भारतीय रूपये में लगभग 4500 रूपये प्रतिदिन का है. पिछले एक महीने में हर व्यक्ति लाखों रूपये बिल भर चुका है, कइयों के पैसे ख़त्म हो चुके हैं और वो भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।  कुछ लोगों को बमुश्किल 1 वक़्त का खाना मिल पा रहा है. पर्यटक 3 से 7 दिन के टूर पर श्रीलंका गए थे , लेकिन उन्हें फँसे हुए 1 महीने से ज़्यादा समय हो चुका है , जेबें खाली हैं और पेट भी । अब तक 65 लोगों ने नाम और डिटेल की लिस्ट रीडर टाइम्स संवाददाता को भेजी।

रीडर टाइम्स की टीम ने श्रीलंका में फँसे कई भारतीय पर्यटकों से बात करी, कई लोगों ने मदद के लिए अपने ऑडियो और वीडियो भी बना कर भेजे हैं।

मुंबई के कृष्णा ने बताया कि वो 8 मार्च को अपनी पत्नी और 4 साल कि बच्ची के साथ श्रीलंका एक शादी में आये थे और उनकी वापसी 22 मार्च क थी, कोरोना महामारी के चलते भारत में एक दम से लॉक डाउन हो गया और सभी फ्लाइट्स को भारत आने और जाने से रोक दिया गया। श्रीलंका में वो कोलम्बो में एयरपोर्ट के पास एक होटल में पिछले 1 महीने से ज़्यादा समय से फँसे हुए हैं । कृष्णा ने बताया कि वो एक क्रिटिकल बीमारी से पीड़ित हैं जिसकी दवा को 1 महीने के लिए ले कर आये थे , पर  वो भी अब ख़त्म हो चुकी है. भारतीय दूतावास को भी दवा मुहैया करने के लिए कई बार आग्रह किया, पर दूतावास ने कहा कि दवा मिल नहीं पा रही है । ऐसे में कृष्णा कहते हैं, डर लगता है, कि एक बार कोरोना से बच भी जाऊँ, पर ऐसा न हो कि अपनी बीमारी ही कही जानलेवा साबित हो ।

दिल्ली के विजय पाल ने बताया कि वो मूल रूप से आगरा के निवासी हैं और दिल्ली में अपने 2 बच्चों के साथ किराये के मकान में रहते हैं । जवान बच्चों को दिल्ली में छोड़कर वो श्रीलंका आये थे, लेकिन लॉक डाउन कि वजह से वो 40 दिन से भी ज़्यादा समय से श्रीलंका में होटल में फसे हुए हैं. कर्फ्यू लगा हुआ है, आखरी बार वो सामान लेने 23 मार्च को निकले थे, उसके बाद से सब कुछ बंद है । विजय कहते हैं कि वो एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं, पिछले 40 दिन में बैंक बैलेंस ख़तम हो चुका है. बच्चे दिल्ली में परेशान हैं, श्रीलंका में लोग कहते हैं कि अभी जून तक ऐसे ही चलेगा । पैसे ख़त्म होने कि वजह से होटल भी कहीं खाली करना पड़ गया तो अनजान देश में कहाँ जायेंगें ।

 

अमृतसर के रोहित खजूरिया ने बताया वो अपने परिवार के साथ श्रीलंका घूमने आये थे, परिवार में 2 बेटियां जिनकी उम्र 10 साल से काम है, पत्नी , पिता उम्र 74 साल और बुआ उम्र 60 साल है.पिछले 40 दिन से कोलम्बो एयरपोर्ट के पास होटल में फंसे हैं । पिता कि स्थिति अच्छी नहीं है, 40 दिन से एक जगह बंद रहने कि वजह से सभी धीमे धीमे डिप्रेशन में जा रहे हैं । पैसे खत्म हो चुके हैं. जाने कब होटल वाले भी साथ छोड़ दें, ऐसे में छोटी बेटियों और बूढ़े बाप को लेके कहाँ जायेंगें ।

बनारस के सीतेश ने बताया कि 8 मार्च से श्रीलंका में फंसे हैं । मर्चेंट नेवी में काम करते हैं । श्रीलंका से शिप ज्वाइन करना था । शिप ज्वाइन करने में बहुत देरी होने लगी तो भारत वापसी की फ्लाइट कराई पर एक दम से लॉक डाउन होने की वजह से श्रीलंका में फंस गए । कई बार भारतीय दूतावास को मदद के लिए ईमेल किया पर दूतावास ने होटल मुहैय्या कराने की बात कहके पल्ला झाड़ लिया . अब होटल तो करा दिया लेकिन, किराया तो खुद ही भरना है. डेढ़ लाख से ज्यादा किराया भर चुके हैं, पैसे खत्म होने को हैं, आगे पता नहीं कितने और महीने फँसे रहेंगें  । सीतेश ने बताया कि सभी देशों ने अपने-अपने पर्यटकों को फ्लाइट भेज कर वापस बुला लिया , पाकिस्तान ने अपने पर्यटकों को एम्बैसी की तरफ से फ्री रहने और खाने की व्यवस्था करी हैं ।

नोएडा से एक महिला ने बताय कि वो अपने पति के साथ श्रीलंका आयी थी. पति मर्चेंट नेवी में काम करते हैं. श्रीलंका से शिप ज्वाइन करना था । जॉइनिंग लेट हो गयी, सो श्रीलंका में फंस गए । 14 अप्रैल को पति भी जहाज पर चले गए.अब वो अकेले श्रीलंका में हैं , और जिस होटल में रुकी हुई हैं, उस पूरे होटल में भी वही अकेले हैं । भारतीय दूतावास से मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि दूसरा होटल करा देंगें, नहीं तो जहाँ हैं वहीँ पर रहिये, होटल तो करा देंगें पर किराया तो अपने आप ही भरना पड़ेगा अब ऐसे में पता नहीं है तो भारत जाने के लिए फ्लाइट कब शुरू होंगी ।

अब ऐसे समय में श्रीलंका में फंसे भारतीय पर्यटकों की आशा भरी निगाह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हुई हैं. सभी यही कह रहे हैं कि हमें अपने प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है कि वो जल्द हमें वापस भारत पहुँचाएगें । सीतेश , रोहित और बहुत लोगों ने कहा कि वो सब एक महीने से ज़्यादा समय से क्वारंटाइन है और श्रीलंका हेल्थ डिपार्टमेंट उनको इसका सर्टिफिकेट देने को भी तैयार है, इसलिए सभी पर्यटकों को भारत वापस आने से देश को कोई खतरा भी नहीं है ।

रोहित ने कहा कि उन्हें खबर मिली है श्रीलंका अपने  भारत में फंसे लोगों को लेने के लिए 3 फ्लाइट्स अमृतसर, कोयंबटूर और बैंगलोर अगले दो दिन में भेजने वाला है, ऐसे में अगर प्रधानमंत्री जी अगर चाहें, तो हम सब भारत लौट सकते हैं ।