सागो में छिपा हैं सेहत का राज ; कई रोगो की अचूक दवा

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

जंगल में बहुत सी औषधियो का भंडार लगा रहता हैं। जिसे आदिवासी समाज के द्वारा रोज के खाद उत्पाद के रूप में खाया जाता हैं। खोज के मुताबिक ,धरती पर 70 सी ज्यादा प्रकार के साग उगते हैं। इसमें से 52 प्रकार के साग का प्रयोग आदिवासी लोग उपलब्धता के आधार पर रोज के खाने पर इस्तेमाल किया जाता हैं। कुछ रिसर्च में साबित हुआ की ,किसी भी राज्य में साग के उपज के लिए मिटटी का होना बहुत जरुरी हैं। कोरोना संक्रमण काल में जहाँ पूरी दुनिया वायरस से त्राहि मचा हुआ हैं पर वही दूसरी ओर आदिवासी समाज में कोरोना का कोई नामो निशान नहीं हैं। बताया जा रहा हैं की ,आदिवासी लोगो में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का एक कारण उनके खान पान में शामिल उत्पाद भी हैं। जंगल में मिलने वाला साग जिसे आदिवासी केवल पेट भरने के लिए खाते हैं। बाल्कि वही साग औषधि गुणों से भरा हुआ होता हैं। ओर जिससे उनके शरीर में कई बीमारियों होने सम्भवना न के बराबर होती हैं। देखा जाये तो आज के दौर में तो लोग भूल ही गए हैं साग को पर वही गांव में आदिवासी शहर में साग का प्रयोग अधिक मात्रा में होता हैं। शहर में तो लोग भूल ही गए हैं साग का इस्तेमाल।

हमारे खान – पान में वन उत्पाद जैसे :- वन के फल , कुछ फूल पत्तिया और जड़ आदि का इस्तेमाल किया जाता हैं। ये पोष्टिकता से भरे और शरीर को नई ऊर्जा देने वाले होते थे। बाल्कि कई बीमारियों के इलाज में तो घर की दादी नानी इन सब का इस्तेमाल करती थी। आदिवासियों में साग सब्जी खाने का भी एक अनुशासन होता हैं। कोई साग किसी महीने नहीं ख्य जाता हैं तो कुछ सागो के लिए महीने बंधे हुए हैं। और जिससे उनके शरीर में साग का सीमित औषधि गुण शरीर में प्रवेश करते हैं। समाज में इसे समझने के लिए इसे जंगल व वन के देवता की कृपा से जोड़कर रखते हैं।

जनजातीय समुदाय की ओर से इसकी पहचान कर प्राचीन समय से भोजन के लिए प्रयोग किया जाता हैं। देश के लगभग कोनो में साग पाया जाता हैं। पर उन्हें घास समझ कर कोई खाता नहीं हैं।

> साग और साग में औषधि गुण

सहजन का साग :-पौधों में सहजन या मोगिया को बहुत ही अच्छा माना जाता हैं। और साथ ही इसके पत्ते ,फल ,फूल व जड़ का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता हैं। और आदिवासी लोग इसे मौसम बदलते समय अधिक खाते हैं।

इमली की पत्ती का साग :- ज्यादातर इमली लड़कियों को बहुत पसंद होती हैं। और इमली की पत्तियों में भरपूर मात्रा से विटामित सी होता हैं। और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में काफी सहायक हैं। साथ ही अन्य बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता हैं। आदिवासियों में इसे गर्मी शुरू होने के बाद व बारिश से पहले खाया जाता हैं।

साग शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता हैं। इसमें हाइफ़ाइबर , विटामिन और खनिज आदि होता हैं। और यह बात बिलकुल सत्य हैं की कुछ सागो में औषधि गुण होते हैं तो कुछ साग शरीर को बीमारियों से लड़ने में काफी शक्ति मिलती हैं। पर जिनकी पाचन शक्ति कमजोर हैं उन्हें साग का प्रयोग कम करना चाहिए। या फिर आयुर्वेद डॉ की सलाह लेनी चाहिए।