सेक्स करते समय ध्यान रखने योग्य बाते जो हैं बहुत जरुरी

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त महिलाएं किसी पुरुष से क्‍या चाहती हैं यह हमेशा से ही शोध का विषय रहा है। इस पर पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है। इसी मुद्दे पर ताजातरीन रिसर्च के नतीजे सामने आए हैं। सेक्‍स से जुड़े विषय के एक्‍सपर्ट्स के अलावा 800 से ज्‍यादा महिलाओं ने खुलकर अपने विचार व्‍यक्‍त किए हैं।

महिलाएं बिस्‍तर पर क्‍या चाहती हैं
1. पूरा ध्‍यान उन पर हो:
बिस्‍तर पर महिला पार्टनर की यौन-इच्‍छा को तृप्‍त करने के लिए सबसे जरूरी चीज है- ‘जज्‍बा’। सर्वे में शामिल करीब 42 फीसदी महिलाओं ने यह बात स्‍वीकार की है। महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्‍यार को महसूस करती हैं , जिनमें सबसे ज्‍यादा इनका ध्‍यान खींचता है आपके मुंह से की गईं ‘शरारतें’। आंखों में आंखें डालकर प्‍यार जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से देह को छूना महिलाओं को भाता है। जीभ के अगले भाग से नाजुक अंगों का स्‍पर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है।

2. फोरप्‍ले की अहमियत सबसे ज्‍यादा:
कामक्रीड़ा का असली मजा सिर्फ चरम तक पहुंचने पर ही नहीं है, बल्कि इसके हर पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए। सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है। महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को सेक्‍स के मामले में थोड़ा ‘क्रिएटिव’ होना चाहिए। कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है।

3. ‘आनंद’ व ‘संतुष्टि’ में फर्क है:
एक शोध में यह पाया गया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी यह माना कि उन्‍हें कंडोम के बिना यौन संबंध ज्‍यादा अच्‍छा लगता है. पर महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल संभोग के दौरान कंडोम का इस्‍तेमाल किए जाने पर उन्‍हें ज्‍यादा सुकून मिलता है.यह सुकून ‘प्रोटेक्‍शन’ को लेकर होता है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने कहा कि कंडोम यौन रोगों से बचाव का यह कारगर तरीका है. इसके इस्‍तेमाल से महिलाएं खुलकर सेक्‍स का भरपूर मजा ले पाती हैं.

4. धीरे-धीरे, आराम से :
सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्‍यादा तकलीफ न दी जाए। महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं। मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्‍तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्‍ट देने से बाज आएं।

5. वातावरण का भी पड़ता है असर:
शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने स्‍वीकार किया कि संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं। महिलाओं ने माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पांव की वजह से उन्‍हें ज्‍यादा तकलीफ होती है। सेक्‍स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है। अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्‍स का मजा बढ़ा देता है।

6. सेक्‍स के दौरान पोजिशन का भी रखें ख्याल:
सेक्‍स संबंध बनाने के दौरान पोजिशन का भी खयाल रखना बेहद जरूरी होता है. स्‍त्री के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए वह स्थिति भी बेहतर होती है, जब स्‍त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां ‘उन’ अंगों में ज्‍यादा उत्तेजना महसूस करती हैं। एक और पोजिशन महिलाओं व पुरुषों को अच्‍छा लगता है, जिसमें स्‍त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है।

90 फीसदी से ज्‍यादा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्‍स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्‍तेमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं। रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, पर लगातार किया जाता है, तो जोड़े चरम तक जल्‍दी पहुंच जाते हैं।

7. जल्‍दबाजी की, तो गए ‘काम’ से:
सर्वे में शामिल महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्‍त में ही चरम तक पहुंच जाती हैं। सेक्‍स में जल्‍दबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्‍ट हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं। ऐसे में पुरुषों की जिम्‍मेदारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी दिखलाए अपनी पार्टनर को लंबे गेम में साथ लेकर चलें।

8. इन अंगों से करें छेड़छाड़:
महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्‍यादा होती है। जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है। इस काम में उंगलियों की कारस्‍तानी काम आती है।

9. ‘कीमत’ भी करनी होती है अदा :
अगर महिला अपने थकाऊ काम या नींद की कमी की वजह से परेशान है, तो इस तरह की स्थिति में वह मुश्किल से उत्तेजित होती है। ऐसे में पुरुषों की जिम्‍मेदारी बढ़ जाती है। पुरुषों को चाहिए कि वे व्‍यंजन पकाने या कपड़े धोने आदि काम में इनकी मदद करें। सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि ऐसी स्थिति में जब पुरुष उनके काम में मदद करते हैं कि उन्‍हें बेहतर एहसास होता है।

10. जरूरी नहीं कि हर बार सेक्स के चरम तक पहुंचा ही जाए :
महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, यह कोई जरूरी नहीं है। कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता। ऐसे में जबरन आधे घंटे तक ‘खेल’ जारी रखने की बजाए इसे खत्‍म करना बेहतर रहता है। चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्‍मेदार नहीं होता। फिर भी अगर महिला चाहे, तो आप अपने हाथों और उंगलियों से उसे संतुष्‍ट कर सकते हैं। कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है।