सेक्स करने से भी हो सकती है बीमारियां 

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

शारीरिक संबंध बनाते समय कई बीमारियों का जोखिम रहता है , जिन्हें सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज या एसटीडी कहा जाता है। सेक्स करने, ओरल सेक्स करने और यहां तक कि एक-दूसरे के अंगों को छूने से भी यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) हो सकता है. ये बीमारियां महिलाओं और पुरुषों में समान रूप से होती हैं। यही कारण है कि , शारीरिक संबंध बनाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पार्टनर को किसी तरह की एसटीडी तो नहीं है। आमतौर पर होने वाली सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के नाम हैं – जननांग दाद, गोनोरिया , क्लैमाइडिया , सिफलिस , एचपीवी यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस , एचआईवी यानी ह्यून इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस इनके लक्षण भी अलग हैं।

एसटीडी को ही गुप्त रोग कहा जाता है. ये बीमारियां कई रूपों में सामने आ सकती हैं जैसे- सेक्स के बाद त्वचा पर चकत्ते, सेक्स या पेशाब करने के दौरान दर्द होना, महिलाओं में योनि के आसपास खुजली होना , योनि से स्राव होना, पुरुषों में लिंग से स्राव होना. यदि किसी व्यक्ति को बिना कारण के थकान हो रही है, रात को ज्यादा पसीना आता है या अचानक वजन घटने लगा है तो भी यह एसटीडी का लक्षण हो सकता है. वहीं कई बार बिना किसी लक्षण के ये बीमारियां हो सकती हैं. इस तरह बिना किसी जानकारी के ये बीमारियां एक इन्सान से दूसरे में चली जाती हैं. यदि समय रहते इनका इलाज न किया जाए तो शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंच सकता है. खासतौर पर महिलाओं को  इनका जोखिम अधिक होता है। एसटीडी के कारण महिलाओं में बांझपन , विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। समय पर इलाज न मिले तो मृत्यु भी हो सकती है। कुछ एसटीडी में मरीज को तेज बुखार आता है।

कैसे होती है एसटीडी की जांच

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज या एसटीडी का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करवाते हैं। इनमें यूरिन और ब्लड की जांच शामिल होती है। अंदरूनी अंगों पर हुए घावों की ब्रश से सफाई कर डॉक्टर बीमारी का पता लगाता है. इसके अलावा मूत्र मार्ग और योनि से सैंपल लेकर भी जांच करवाई जाती है |