सोते एहसास को गुलज़ार करें तो कैसे
Jul 20, 2019Comments Off on सोते एहसास को गुलज़ार करें तो कैसे
अपनी तदबीर को सरशार करें तो कैसे,
जानता हूँ कि उधर मौत का सन्नाटा है,
हम ने पत्थर के ख़ुदा अपने हुनर से हैं गढ़े,
बेंच डाले सभी अल्फ़ाज़ को बाज़ारों में,
नातवां जिस्म है ‘मेहदी’ का नक़ाहत भी है,
मेहदी अब्बास रिज़वी
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