छोटी लाइन की ट्रेनें बनी इतिहास का हिस्सा

रिपोर्ट :- अंकित त्रिवेदी ( रीडर टाइम्स न्यूज़ )

  • छोटी लाइन पे चलने वाली ट्रेन हुई इतिहास.
  • अब सीतापुर से बरेली ट्रैक भी हुआ बंद.

लखीमपुर खीरी में आज छोटी लाइन ट्रेन की आखरी रवानगी पर ट्रेन को अलविदा कहकर विदा किया गया जो कि अब इतिहास के पन्नो में पढ़ी जाएगी. इसकी शुरुआत 15 अप्रैल  1887 में अंग्रेजो के द्वारा की गयी थी, जिस पर अभी तक कोयले के इंजन के बाद डीजल इंजन चल रहे थे. अब विकास के चलते देखा जाये तो यहाँ पर अब इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ने की स्तिथि बन रही है.

लखीमपुर खीरी में बड़ी लाइन की पटरी बिछाई जा रही है जिसके चलते छोटी लाइन अब पूर्ण रूप से बंद कर दी गयी है.अभी तक लखनऊ से सीतापुर तक की लाइन बंद थी, अब सीतापुर से बरेली तक जो रेल चल रही थी उसका आज से संचालन रोक दिया गया है आज आखरी ट्रेन को विदाई देने आये लोगो की भारी  मात्रा  में भीड़ दिखाई दी और अब छोटी लाइन अब सिर्फ लोगों की यादों में ही रह जाएगी जो कि सिर्फ इतिहास बनकर लोगों को याद आएगी l

आज आखरी ट्रेन को विदाई देते समय कुछ लोग खुश और कुछ नम आँखों के साथ विदाई देते नजर आये. लोगों ने ट्रेन ड्राईवर कि पूजा-अर्चना करते हुए ट्रेन को अलविदा कहा.