देवरिया कांड के बाद योगी का आदेश- 12 घंटे के अंदर हो सभी बालिका गृह की जाँच, मांगी रिपोर्ट

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देवरिया कांड की आवाज यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में गूँज रही है| इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस केस में एक नया खुलासा हुआ है जिसमे छुड़वाई गयी बच्चियों ने बताया है कि कि जो 18 लड़कियां गायब हैं उनमें से एक की मौत हो चुकी है जबकि तीन लड़कियों को विदेशी नागरिकों को बेच दिया गया है| इस बीच जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर महिला एवं बाल विकास सचिव रेणुका कुमार देवरिया पहुंची हैं|

साल 2009 से बालिका गृह चलाने वाली मां विंध्यवासिनी नाम की संस्था पर नाबालिग लड़कियों से अनैतिक काम कराने का आरोप लगा है| एक लड़की कि शिकायत के बाद पुलिस ने सोमवार रत करीब 9 बजे छापा मारा था| जिसमे 24 लड़कियां बरामद हुई| जबकि रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम दर्ज थे| इस मामले को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संज्ञान में लेते ही देवरिया के डीएम को हटा दिया है, वहीं 2 अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं| फ़िलहाल लड़कियों की बरामदगी के बाद बाकी लड़कियों की छानबीन की जा रही है|

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बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों ने आरोप लगाया है कि एक लड़की की संभवतः मौत हो गई है, वहीं कुछ लड़कियां विदेशियों के हाथों बेची गईं हैं तो कुछ यहां के हालात की वजह से फरार हो गई हैं| पूछताछ के बाद कुछ लड़कियों ने बताया कि 15 साल से ज्यादा उम्र की कुछ लड़कियों को अक्सर रात को कहीं भेजा जाता था| इन लड़कियों को लेने के लिए कभी सफेद, कभी काल तो कभी एक लाल रंग की कार आती थी| ये लड़कियां सुबह वापस आती थीं|

बातचीत के दौरान ये भी पता चला है कि बालिका गृह की संचालिका गिरजा देवी का घर गोरखपुर में है| और रत में उन्हें वही ले जाया जाता था| जहाँ रत में उनके साथ संचालिका के घर में ही अनैतिक काम कराया जाता था| जिसके लिए कुछ लोग गिरजा देवी के घर आते थे| लड़कियों ने बताया की गायब लड़कियों में एक लड़की की तो मृत्यु हो चुकी है जबकि तीन लड़कियों को विदेशियों के हाँथ बेंच दिया गया है| आरोप यह भी है कि छोटी लड़कियों को झाड़ू पोछा जैसे काम करवाये जाते थे और मना करने पर उनके साथ मारपीट होती थी|

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जब यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा गया तो सीबीआई ने कुछ संस्थाओं को प्रतिबंधित कर दिया| इन्हीं में से एक संस्था थी माँ विंध्यवासिनी समाज कल्याण केंद्र, जिसको जून 2017 में प्रतिबंधित कर दिया गया| उसके बाद एक साल पहले ही संसथान ने सीबीआई के प्रतिबन्ध के खिलाफ अपील दर्ज कराई थी| लेकिन फिलहाल संस्था को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है| इस बीच सवाल ये उठता है कि जब संस्था एक साल से अधिक वक्त से प्रतिबंधित है तो वो लड़कियों को रखने का खर्च कहां से वहन कर रही थी|