अप्रैल 2022 से भारत विश्व में महाशक्ति के रूप में उभरेगा : ज्योतिर्विद वी. पी. गोयल

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1 . ज्योतिष शास्त्र पर 25 से ज्यादा पुस्तक लिखीं .
2 . ज्योतिष की प्रमाणिकता पर 100 प्रतिशत आश्वस्त , 40 वर्ष का तजुर्बा
ज्योतिष की महत्वता को कलयुग में कोई नकार नहीं सकता .ज्योतिर्विद वी. पी. गोयल आईआईटी ( IIT) खड़गपुर से एम०टेक , भारत सरकार के 1968 बैच के क्लास 1 अफसर रहे .1970 में फील्ड ड्यूटी के दौरान काम के बाद खाने के दौरान अपने सहभागियों के साथ टाइम पास के लिए कुंडली बनाने और आपस में चर्चा करने का काम करते थे.

1998  में भारतीय विद्या भवन में ज्योतिष पाठ्यक्रम में दाखिला लिया और 2 साल की शिक्षा के दौरान संस्थान ने दोनों साल गोल्ड मेडल प्रदान किया. वर्ष 2000 में नोएडामें गोयलजी की फैक्ट्री थी जिसमें 150 लोग काम करते थे. रातों रात गोयलजी जी ने फैक्ट्री को बंद करके सिर्फ ज्योतिष क्षेत्र में काम करने का निर्णय लिया और और अगले दिन अपने निर्णय को अमली जामा पहना दिया.

गोयलजी अब तक 25 से ज़्यादा ज्योतिष पुस्तकें लिख चुके हैं, जो देश-विदेश में ज्योतिष संस्थानों में पढ़ाई जाती हैं. आइये नज़र डालते हैं गोयलजी से ज्योतिष सम्बंधित साक्षात्कार पर :-

:- ज्योतिष में आप किसको अपना गुरु मानते हैं ?
मैंने जितनी भी पुस्तके ज्योतिष की पढ़ी हैं, मैं उन सबको अपना गुरु मानता हूँ, और सबसे बड़े गुरु हैं हनुमानजी , मुझपे हनुमान जी की बहुत कृपा है , वो मुझे राह दिखाते रहते हैं.

:- ज्योतिष की प्रमाणिकता पर आप कितने प्रतिशत आश्वस्त हैं ?
100 प्रतिशत , ज्योतिष गलत नहीं है, ज्योतिषी गलत है , हम ज्योतिष की गहराईयों को नहीं जानते . समुद्र के पानी में एक बूँद हमारे पास है अभी .
:- यदि सब कुछ पूर्व निर्धारित है, तो ज्योतिष का उपयोग क्या है ?
महाभारत में कहा गया है कि आम का पेड़ लगाओगे तो खाओगे. पर पहले ज़मीन खोदनी होगी , बीज रोपित  करना होगा , पानी देना होगा ,खाद देनी होगी , देखभाल करनी होगी, आम लगना तो पूर्व निर्धारित है, लेकिन उसके लिए कर्म तो करना ही होगा , बैठे बैठे आम नहीं मिलेंगें.

:- आप विवाह के लिए कुंडली मिलान को कहा तक सही मानते हैं?
निराधार है , ज्योतिष कुंडली मिलान के लिए सिर्फ चन्द्रमा और उसके नक्षत्रों को लेता है , अरे 9 गृह और भी तो हैं. पहले कौन कुंडली मिलाता था और विवाह विच्छेद के मामले भी न के बराबर थे . पहले लोग परिवार में बुजुर्गों की मानते थे, परिवार उद्देश्य था और अब सिर्फ अकेले रहना चाहते हैं.

:- ज्योतिष और अध्यात्म में क्या सम्बन्ध है ?
बहुत गहरा सम्बन्ध है ,अध्यात्म ईश्वरीय कृपा है और यह कुंडली में देखी भी जा सकती है , इससे विश्वास, आत्मबल और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है .

:- ज्योतिष का व्यवसायीकरण कहाँ तक सही है ?
अगर ज्योतिष का प्रयोग लोगों की मदद करने और दिशानिर्देशित करने में करा जाये तो सही है, न कि लोगों को ज्योतिष से डराने और भ्रमित करने में.

:- यदि दो बच्चों का जन्म स्थान , समय और जगह एक हैं, तो उनका भाग्य भी एक होगा ?
दोनों का जन्म समय, स्थान और जगह एक हो ही नहीं सकती , समय में अंतर ज़रूर होगा, जब दो लोगों का डीएनए , शक्ल एक जैसी इश्वर ने नहीं बनायीं तो भाग्य कैसे, सब पूर्व कर्म के अनुसार है.

:- ज्योतिष के विद्यार्थियों को क्या मार्गदर्शन देना चाहेंगें ?
विद्यार्थी ज्योतिष की पुस्तकों को खूब पढ़ते हैं, लेकिन मनन नहीं करते, जब तक छात्र खूब मनन नहीं करेंगें, कोई लाभ नहीं होगा . शिक्षक सिर्फ रास्ता दिखा सकता है, चलना खुद पड़ता है और रास्ते की चुनौतियों का भी खुद सामना करना पड़ता है.

:- क्या कोरोना की तीसरी लहर आएगी ?
योगिनी दशा के अनुसार अपनी पद्धति से मैंने बताया कि मई 2019 से धानिया की दशा शुरू हुई थी 3 साल के लिए जो भारत के लिए बहुत ख़राब है, लेकिन 27 जुलाई के बाद दशा बदली है , कोरोना लगातार घटेगा और मार्च 2022 के बाद भारत की बहुत तरक्की होगी और देश समृद्धि की तरफ बढ़ेगा.