अमेरिका ने भारत के लिए पेश की हथियार क्षमता वाले गार्जियन ड्रोन, सम्बन्धो में आई तेज़ी

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भारत के साथ अपने संबंधों में गर्मजोशी लाने के लिए अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन के आर्म्ड वर्जन (हथियार क्षमता) देने की पेशकश की है। पहले इसकी बिक्री सिर्फ सर्विलांस के लिए की जाती थी | सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी अमेरिका के एक अधिकारी ने दी है |

 

इस तरह के प्रस्ताव के एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी और औद्योगिक समूह के उच्चाधिकारी ने दिए हैं। अगर ऐसा हुआ तो अचूक निशाना लगाकर दुश्मन का तबाह करने वाला ड्रोन पाने वाला भारत नाटो के बाहर पहला देश होगा। नाटो अमेरिका की अगुआई वाला सामरिक गठबंधन है।

 

एयरशो के दौरान सूत्रों के हवाले से जानकारी आई है कि अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन का विध्वंसक संस्करण देने की पेशकश की है। अभी तक अमेरिका इस विमान का मात्र सर्विलांस के लिए बना हथियार रहित संस्करण ही देता था। लेकिन एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ये ड्रोन हासिल करने वाला भारत नाटो देशों की सूची से बाहर पहला देश बन सकता है।

 

यदि अमेरिका ने भारत को ये विमान दिया तो इस उपमहाद्वीप में यह पहला हाइटेक मानवरहित विमान होगा। दरअसल भारत को ये विमान मिलने की संभावना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने यहां रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई हथियार बिक्री नीति के कारण बढ़ी है।

 

Drone-Firing
अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि भारत को ये विध्वंसक ड्रोन हासिल करने के लिए एक कम्युनिकेशन फ्रेमवर्क को स्वीकार करना होगा, जो दिल्ली को अपने क्षेत्र में दखलंदाजी जैसा लग सकता है। इस बात पर जुलाई में स्थगित की गई टू प्लस टू बैठक में भी चर्चा होनी थी।

 

इससे पहले जून में जनरल एटॉमिक्स ने भारत को हिंद महासागर की निगरानी के लिए गार्जियन के 22 नेवल वेरियंट मानवरहित एमक्यू-9बी बेचने को अमेरिका के हरी झंडी दिखा देने की रिपोर्ट दी थी। ये डील करीब 2 बिलियन डॉलर की है |

 

उनके मुताबिक संभव है कि दिल्ली को ज्यादा दखलंदाजी वाला लगे। सूत्रों के मुताबिक जुलाई में भारत और अमेरिका के बीच रद्द हुए 2+2 बैठक में ड्रोन की इस डील पर भी बात होनी थी और इसे अजेंडा में शामिल किया गया था। इस उच्च स्तरीय बैठक के अब इस साल सितंबर में होने की उम्मीद है।

 

जून में जनरल एटॉमिक्स ने कहा था कि अमेरिकी सरकार ने ड्रोन के नैवल वैरिएंट को बेचने की अनुमति दे दी है। भारत हिंद महासागर की निगरानी के लिए 22 मानवरहित MQ-9B सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदने की 2 अरब डॉलर की डील को लेकर बातचीत में लगा हुआ है।

 

सूत्रों का कहना है कि अब इसमें आर्म्ड ड्रोन के शामिल होने के अलावा एयरक्राफ्ट की संख्या भी बदलने की उम्मीद है। एक रक्षा सूत्र का कहना है कि मिलिटरी ऐसा ड्रोन चाहती है जो केवल सर्विलांस न करे बल्कि समंदर और जमीन पर शत्रुओं पर निशाना भी लगाए।