आवारा पशुओं से किसान आज भी हैं परेशान, आखिर जमीनी स्तर पर कब होगा इसका समाधान

रिपोर्ट :  धीरज कुमार, रीडर टाइम्स

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प्रतापगढ़ : किसान की लागत और मेहनत दोनों को बर्बाद कर रहे आवारा पशु। सरकार ने भले ही आवारा पशुओं को गौशाला में डालने का फरमान सुना दिया हो लेकिन कोहड़ौर क्षेत्र के आसपास आज भी आवारा पशुओं के झुंड किसानों की खेती बर्बाद करते हुए दिख जाते हैं। किसान फसल पाने की उम्मीद में लागत लागाता है और खेतों में जमकर पसीना बहाता है लेकिन ये आवारा पशु किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर देते हैं।कभी कभी ये देखने को भले ही मिल जाता है कि आवारा पशुओं को क्षेत्रीय लोग अपने यहां से भगाकर अन्यत्र कहीं दूर कर देते हैं और वहां जाकर वहां के किसानों की खेती बर्बाद करने में लग जाते हैं ये आवारा पशु। मौजूदा समय मे किसान की सबसे बड़ी समस्या यही है आखिर कब तक होगा इस समस्या का निदान।

किसानों को तो यहां तक भी नही पता होता कि हम इस समस्या की शिकायत किसके पास करें। हालांकि कुछ जागरूक किसान क्षेत्र के लेखपाल को भी फोन लगाकर समस्या से अवगत करा देते हैं लेकिन उस शिकायत का कोई सार्थक परिणाम नही निकलता और नतीजा फिर वही “ढाक के तीन पात”। प्रदेश सरकार का फरमान बहुत पहले से ही आ चुका है कि आवारा पशुओं को गौशाला में रखा जाय लेकिन उसके बावजूद अभी भी भारी मात्रा में आवारा पशुओं का झुंड किसानों के लिए मुसीबत बना है और कहीं कहीं तो ये आम लोगों को घायल कर अस्पताल तक पहुंचा देते हैं। समाचार पत्रों में खबरे छपती हैं सरकार सम्बंधित अधिकारियों को कड़ा निर्देश देती है लेकिन कुछ दिन बाद स्थिति जस की तस।आखिर कागजी स्तर के बजाय जमीनी स्तर पर कब होगा किसानों की इस प्रमुख समस्या का समाधान।