ऋषि साहित्य जीवन दर्शन है : उमानंद शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 321 वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना

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रिपोर्ट : अमित पाण्डेय, रीडर टाइम्स

बाराबंकी : गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘ दि मिलीनियम स्कूल, सफेदाबाद. बाराबंकी उ.प्र. के केन्द्रीय पुस्तकालय ’ में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 78 खण्डों का वांड़मय साहित्य को स्थापित किया गया।

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उपरोक्त यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती सावित्री मिश्रा ने अपने प्रिय जीवन साथी स्व0 श्री दया राम मिश्रा की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को भेंट किया तथा शिक्षक / शिक्षिकाओं को अखण्ड ज्योति एवं छात्र-छात्राओं को युग निर्माण पत्रिका भेंट की। इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऋषि साहित्य जीवन दर्शन है।

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डॉ0 नरेन्द्र देव ने छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन जीने के ऋषि सूत्र दिये। संस्थान की प्रधानाचार्या डॉ0 अर्चना मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया। इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, श्री उदयभान सिंह, डॉ0 नरेन्द्र देव, सर्वश्री अनिल भटनागर, के.के. भारद्वाज, कौशलेन्द्र सिंह तथा श्रीमती सावित्री मिश्रा, श्रीमती मंजू शुक्ला, श्रीमती रीना मिश्रा, संस्थान की प्रधानाचार्या डॉ. अर्चना मिश्रा, सहित शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।

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