एक बार फिर कश्मीर के शोपियां से अगवा पुलिस जवान की आतंकियों ने की हत्या

.. javed ahmad soldier

                                                     शहीद जवान जावेद अहमद डार

आतंकी राज्यपाल शासन में सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखलाए हुए हैं। सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट तेज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा एक पुलिसकर्मी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई है। गुरुवार शाम को ही आतंकियों ने शोपियां से पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा किया था, जिसके बाद उनका शव कुलगाम से मिला। फिलहाल,  किसी भी आतंकी संगठन ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है। जावेद को उस वक्त अगवा किया गया जब वो एक मेडिकल शॉप पर दवा लेने जा रहे थे। आतंकियों द्वारा बीती रात अगवा किए गए पुलिस कॉन्स्टेबल का गोलियों से छलनी शव शुक्रवार की सुबह परिवन कुलगाम में मिला।

जानकारी के मुताबिक जावेद ने पुलिस महकमे को बताया था कि वो अपनी मां को दवाई देने जा रहा हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी मां हज के लिए जाने वाली हैं उनको दवाइयों की जरूरत है। चश्मदीदों के मुताबिक एक कार में तीन से चार हथियारबंद आतंकवादी आए आतंकवादियों ने हवा में फायरिंग की और बंदूक की नोंक पर जावेद को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए। आज सुबह शोपियां के साथ सटे जिला कुलगाम में परिवन गांव के लोगों ने गांव के बाहरी छोर पर जावेद अहमद डार का गोलियों से छलनी शव सड़क पर पड़े देखा। उन्होंने उसी समय पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुंचा और उसने शव को अपने कब्जे में लिया। छानबीन के दौरान पता चला कि शव बीती रात अगवा किए गए पुलिस कॉन्स्टेबल जावेद अहमद डार का है।

 जावेद पिछले पांच साल से एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ ऑपरेटर के तौर पर तैनात थे। सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद शहीद कॉन्स्टेबल का शव जिला पुलिसलाइन में लाया गया । जहां पुलिस और अर्धसैनिकबलों व नागिरक प्रशासन के उच्चाधिकारियों के अलावा पुलिसकर्मियों ने  शहीद को पुष्पचक्र व फूलमालाएं भेंट कर अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि समारोह के बाद शहीद का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उसके परिजनों के पास वेईल कचडूरा में ले जाया गया।

लेकिन सुरक्षाबलों को संदेह है कि इस हत्या को सेना के भगौड़े जहूर ठोकर की अगुआई में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन केआतंकियों ने अंजाम दिया है।पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने उसे आतंकियों की चंगुल से मुक्त कराने के लिए उसी समय एक तलाशी अभियान चलाया , लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।आतंकवादी सुरक्षाबलों से बदला लेने के लिए ऐसे ही इलाके को चुनते हैं। अब तक जवानों को अगवा किए जाने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें आतंकियों ने निहत्थे सुरक्षाकर्मियों को अगवा किया और फिर कायरो की तरह उन्हें शहीद कर दिया।

 

इससे पूर्व गत 14 जून को आतंकियों ने पुलवामा से शोपियां जा रहे सैन्यकर्मी औरंगजेब को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया था। औरंगजेब को भी इसी इलाके से अगवा किया था । आतंकियों ने पिछले महीने औरंगजेब को उस वक्त अगवा किया था जब वो ईद की छुट्टियों पर घर जा रहे थे । फिर 14 जून की शाम को उनका गोलियों से छलनी शव पुलवामा जिले के गुस्सु गांव में बरामद हुआ था।