ऑपरेशन आलआउट: कश्मीर के अनंतनाग मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को किया ढेर, 1 जवान शहीद

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श्रीनगर:- जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में लागू एकतरफा सीजफायर खत्म होने के बाद सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 4 आतंकियों को ढेर कर दिया है। इस इलाके में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया, ‘एनकाउंटर काफी सुबह शुरू हुआ था। हमें अनंतनाग जिले के श्रीगुफवाड़ा इलाके में 2-3 आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। तीन आतंकियों के शव मिल चुके हैं। एक पुलिसकर्मी के शहीद होने की भी खबर है और दो नागरिक घायल हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने चार आतंकी के मारे जाने की पुष्टि की है। वैद्य ने ट्वीट कर कहा कि जवानों ने चौथे आतंकी को भी ढेर कर दिया है। एनकाउंटर के चलते श्रीनगर और अनंतनाग में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है। यह एहतियाती कदम कानून – व्यवस्था को कायम रखने के लिए उठाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटी के श्रीनगर , अनंतनाग और पुलवामा जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है। राज्य में सीजफायर खत्म होने के बाद सुरक्षाबलों के जवान आतंकियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं।

वहीं सेना को पुलवामा के काचीपोरा इलाके में आतंकियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस गोलीबारी में एक महिला घायल हो गई है। जिसकी पहचान रफीका के तौर पर हुई है। वह गोली लगने से जख्मी हुई है। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया है। ऑपरेशन की वजह से इलाके में होने वाले तनाव को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं।

बता दें कि पुलवामा जिले में दो दिनों पहले ही सेना और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हो चुकी है। मंगलवार को हुई इस मुठभेड़ के दौरान सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया था। इन आतंकियों के पास से एके-47 राइफल समेत अन्य सामान बरामद हुए थे। वहीं ऑपरेशन के दौरान सेना ने उस घर को भी उड़ा दिया था, जिसमें आतंकियों ने पनाह ली थी।

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वहीं श्रीनगर में पुलिसकर्मी एचसी हबीबुल्लाह की मौत हो गई है। वह पिछले हफ्ते करण नगर में पुलिस पार्टी पर हुए हमले में घायल हो गए थे। घाटी में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद से अलगाववादी नेताओं पर सख्ती शुरू कर दी गई है। गुरुवार को यासीन मलिक को पुलिस ने जहां हिरासत में लिया था वहीं हुर्रियत के अध्यक्ष मीरवाइज को नजरबंद कर दिया गया है।

उधर, राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी गई है। इस क्रम में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक को भी नजरबंद कर दिया गया है। मीरवाइज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम धड़े के अध्यक्ष हैं। अलगाववादी नेताओं को घाटी में विरोध-प्रदर्शनों की अगुवाई से रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।