कलयुग में सनातनियो को बागेश्वर धाम में दिखने लगे हैं भगवान 

शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज
युवा पीढ़ी को इन बच्चों से लेनी चाहिए सीख “मुख्य महंत दंडी स्वामी”
एक ओर जहां हिंदू धर्म दिनों – दिन अपनी परंपरा एवं इष्ट देव को भूलता चला जा रहा है. वही आज हरदोई के कुछ युवा पूरे विश्व में अपनी भक्ति दिखाकर देश में नाम रौशन कर रहे हैं. अभी कुछ दिनों पहले आप लोगों ने देखा था हरदोई के सुरसा ब्लाक के अमित सिंह ने पैदल बागेश्वर धाम की यात्रा की थी. बगैर थके बगैर रुके लगातार 8 दिन चलकर उन्होंने अपने लक्ष्य अपने भगवान बालाजी के अवतार श्री बागेश्वर धाम को प्राप्त किया था. आज उसी कड़ी में हरदोई के पाली कस्बे के राहुल बाजपेई अपने दो छोटे भाइयों के साथ भगवान बालाजी के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए विधि विधान से पूजा अर्चना कर संत श्री दंडी स्वामी का आशीर्वाद लेकर पदयात्रा का प्रारंभ कर दिया है. आज वह इस समय फर्रुखाबाद के निकट पांचाल घाट में स्थित दुर्वासा ऋषि आश्रम में पहुंच चुके हैं. वहां से गंगा स्नान कर पुनः अपनी यात्रा प्रारंभ करेंगे. ईश्वर में अटूट विश्वास ही इंसान को दृढ़ संकल्पित बनाता है. आज जहां हिंदू युवा पीढ़ी अपने धर्म को वरीयता न देकर सिर्फ चंद पैसों के लालच में धर्म को गिराती चली जा रही है. वही अन्य धर्मों ने अपने संगठनों का विस्तार कर हिंदू धर्म को कमजोर कर दिया है. आज जरूरत है ऐसे युवा पीढ़ी भक्त बच्चों से सीख लेने की जहां संत सनातन धर्म हजारों वर्ष पुराना बताया जा रहा है. वही आज अपने आराध्य भगवान शंकर को साबित करने के लिए हमें कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है. आप देख रहे हैं. किस तरीके से भारत देश के ऊपर आकारंताओ ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण करा दिया था. कुछ कट्टर जिहादियों के चक्कर में पूरा देश बदनाम होता चला जा रहा है.

अभी जल्द ही आप लोगों ने देखा कि पाली के इसी कस्बे में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर एक तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया था .जहां कुछ जिहादियों ने तिरंगे का अपमान कर मंदिरों को भी चोट पहुंचाई थी. आज मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर युवा पीढ़ी अपने धर्म को दिनों – दिन भूलती चली जा रही है. हिंदू धर्म महज एक फोटो खिंचवाने का स्थान रह गया है .किसी भी व्यक्ति के पास आधा 1 घंटे का समय नहीं है. जो अपनी पूजा अर्चना को दे सके. जबकि अन्य धर्म अपने धर्म के लिए पूरा 1 दिन ही निश्चित कर लिए हैं. हिंदुओं को भी चाहिए कम से कम मंगलवार के दिन शाम के समय जो आरती का टाइम होता है. उसमें अपने नजदीकी मंदिर में जाकर भगवान बालाजी महाराज की पूजा अर्चना कर सनातन धर्म को मजबूत करना चाहिए .आज भी हिंदू नहीं जागा तो वह दिन दूर नहीं है. जो सन 1990 में कश्मीर में हुआ था. वह हरदोई ऐसे शहर में भी होगा इसका ताजा उदाहरण कई कस्बों में देखने को मिला है. पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अन्य धर्म के लोग अपने धर्म को मजबूत कर एजेंडे के साथ कार्य कर रहे हैं. समय रहते हिंदुओं को जागना होगा जो लोग बालाजी बागेश्वर धाम का मजाक उड़ाते हैं. उनको इन बच्चों से सीख लेनी चाहिए जिस तरीके से हमें अपने बच्चों के लिए रोजी रोटी और कपड़े एवं उनके लिए धन दौलत बनाते हैं. वैसे ही हमें धर्म बचाए रखने की जरूरत है. अगर धर्म सुरक्षित है तो हमारे बेटे – बेटियां भी सुरक्षित हैं. नहीं तो ताजा उदाहरण कश्मीर और कैराना आप देख सकते हैं. इन बच्चों ने पैदल चलकर बागेश्वर धाम यात्रा करने का जो बीड़ा उठाया है. वह ईश्वर निश्चित ही पूरा करेगा और यह बच्चे इसी उम्मीद के साथ गए हैं. कि हमें देख कर हमारे हिंदू धर्म के लोग अपने धर्म के लिए विशेष महत्व देंगे और समय निकालकर अपने धर्म को मजबूत करेंगे.

मुख्य दंडी स्वामी बाबा महाराज ने इन बच्चों को आशीर्वाद देकर:
बागेश्वर धाम पदयात्रा की इजाजत दे दी लगभग 400 किलोमीटर की पदयात्रा का आरम्भ पाली के पंथवारी माता मन्दिर से कर चुके है. इन बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए हजारों लोगों ने इनका स्वागत फूल मालाओं से किया और भगवान प्रभु श्री राम एवं बालाजी महाराज से इनकी मंगल कामना के लिए प्रार्थना की एवं गीत गाए.मंदिर के मुख्य महंत दण्डी स्वामी ने तीनों का तिलक व माल्यार्पण कर अपना आशीर्वाद प्रदान किया. यह यात्रा लगभग 10 दिनों में पूर्ण होकर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास ग्राम गढ़ा पहुंचेगी.जहाँ पर बागेश्वर बाला जी महाराज विराजमान है. बेशक राहुल बाजपेई ने युवाओं के लिए एक मिसाल पेश की है . आजकल जिस तरह से युवाओं में धार्मिक सद्भाव बहुत तेजी से उमड़ रहा है। उससे देखने को मिलता है कि बहुत जल्द हिंदू धर्म में फिर से लोगों में आस्था एवं विश्वास बढ़ता चला जाऐगा .सभी लोगों ने ईश्वर से कामना की है. बागेश्वर बाला जी महाराज अपनी कृपा इन बच्चों पर बनाये रखें .