‘केजीएमयू प्लाज्मा थेरेपी पर क्लिनिकल ट्रायल करेगा, अनुमति मिली ,

संवाददाता मार्कण्डेय शुक्ला

रीडर टाइम्स

 

  • केजीएमयू प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी से सफल इलाज़ करने वाला प्रथम संस्थान ।

  •   एसजीपीजीआई, कानपुर मेडिकल कॉलेज, बीएचयू को अनुमति नहीं ।

  •  कनिका कपूर करेगी प्लाज्मा दान , जांचे पाई गयीं फिट ।   

  • लखनऊ :देश में जिस रफ़्तार से कोरोना के मरीज़ बढ़ते जा रहे हैं, उसे देखते हुए सभी जगहों पर नयी तकनीकों को अपनाया जा रहा है, ताकि मरीज़ जल्दी ठीक हो सकें, इसी क्रम में देश में प्लाज्मा थेरेपी के जरिये कोरोना मरीजों का इलाज़ करने के कई सफल मामले सामने आये हैं । हांलाकि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना का कारगर इलाज़ है, इसपर कोई भी नियमावली सरकार की तरफ से जारी नहीं करी गयी है, आईसीएमआर ने कहा कि किसी भी इलाज़ को आधिकारिक रूप से तभी मान्यता दी जा सकती है, जब उसका क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया जा चूका हो और और नतीजे पूर्ण रूप से पक्ष में हो ।

  • इसी क्रम में लखनऊ के केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी के ज़रिये एक गंभीर कोरोना मरीज़ का इलाज़ किया गया, और उसकी हालत अब बहुत अच्छी है. केजीएमयू के रिसर्च डीन प्रो. आरके गर्ग ने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल के लिए आईसीएमआर ने देशभर के चिकित्सा सस्थानों से प्रस्ताव मांगा था। केजीएमयू के आवेदन को मंजूरी दे दी गई है। आईसीएमआर इसे अपनी निगरानी में कराएगा।डॉ. गर्ग के मुताबिक क्लीनिकल ट्रायल से पहले भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) की मंजूरी चाहिए थी। यहां से भी केजीएमयू को इजाजत मिल गई है। अब केजीएमयू की एथिकल कमेटी की संस्तुति के बाद ट्रायल शुरू होगा। 

  • प्लाज्मा थेरैपी के क्लीनिकल ट्रायल का प्रोटोकाल आईसीएमआर ने तय कर केजीएमयू को भेज दिया है। इसके तहत ट्रायल में शामिल होने वाले मरीजों के पूरे विवरण की जानकारी देनी होगी। डोनर और मरीज दोनों का पूरा ब्योरा रजिस्टर्ड किया जाएगा।मरीज को प्लाज्मा थेरैपी देते वक्त पूरा विवरण आईसीएमआर को देना होगा। अपनी मर्जी से किसी भी मरीज को थेरैपी नहीं दी जा सकती है। बल्कि यह उन्हीं मरीजों को दी जाएगी, जिनके लिए वहां से संदेश दिया जाएगा।

  • प्लाज्मा थेरेपी देने से पहले मरीज़ को इसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी और मरीज़ या उसके परिजनों से अनुमति लेनी होगी . थेरेपी केवल गंभीर हालत वाले मरीजों को दी जाएगी.क्लीनिकल ट्रायल के दौरान केजीएमयू में कोरोना के गंभीर और साधारण दोनों तरह के मरीजों को प्लाज्मा थेरैपी दी जाएगी। इस दौरान मरीज को अन्य दवाएं भी दी जाएंगी। फिर दोनों पर दवा का क्या और कितना असर हुआ यह देखा जायेगा.केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी के पूरे देश से सकारात्मक रिजल्ट आ रहे हैं ।

  • केजीएमयू लखनऊ प्लाज्मा थेरेपी से सफल इलाज करने वाला यूपी का पहला संस्थान बन गया है। केजीएमयू के साथ प्रदेश के तीन अन्य संस्थानों ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए अनुमति मांगी थी, पर उन्हें निराश होना पड़ा। ये प्रदेश के प्रमुख मेडिकल संस्थान हैं, जिनमें एसजीपीजीआई लखनऊ, कानपुर मेडिकल कॉलेज, बनारस के बीएचयू शामिल हैं। आईसीएमआर ने इसके पीछे का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि एसजीपीजीआई के पास कोरोना वायरस से 28 दिन में स्वस्थ होने वाला मरीज नहीं है। बीएचयू के पास प्लाज्मा निकाल कर दूसरे में प्लाज्मा थेरेपी करने का कोई अनुभव नहीं था। कानपुर मेडिकल कॉलेज के पास प्लाज्मा निकलने वाली ब्लड सेल सेपरेटर मशीन ही नहीं थी। 

  • कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित उरई के डॉक्टर में रविवार को प्लाज्मा थेरेपी किया गया, जो सफलता के चरण पार कर रहा है।कोरोना मरीज के रूप में सामने आई कनाडा की महिला डॉक्टर ने रविवार को प्लाज्मा दान किया था।

  • कनिका ने प्लाज्मा दान करने का इच्छा केजीएमयू के सामने जाहिर की। केजीएमयू प्रशासन ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। सोमवार को ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम कनिका के घर गई। जरूरी जांच के लिए खून के नमूने लिए।खून की करीब 40 तरह की जांच हुई। खून की सभी जांचें ठीक आई हैं।खून में पर्याप्त मात्रा में कोरोना एंटीबॉडी मिली हैं। डॉ. तूलिका चन्द्रा के अनुसार जिस दिन वह प्लाज्मा देने के लिए राजी होंगी प्रक्रिया पूरी करा ली जाएगी।