क्या ये तथ्य सही है या गलत : की शादी से पहले पहननी चाहिए – पायल

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हिन्दू रिवाज के अनुसार जब लड़की का जन्म होता हैं तो जाहिर सी बात हैं की जन्म के कुछ समय बाद तक जन्मी बच्ची को आभूषणों में कुछ पहनाया नहीं जाता हैं। आदिकाल से हर महिला की पहली पसंद हैं आभूषण। आभूषण या ज्वैलरी पहनना हिंदू परंपरा का एक अहम हिस्सा है हमारे देश में किसी भी खास मौके, त्यौहार, शादी ब्याह में सोने-चांदी के जेवर पहने जाते हैं. हिंदु धर्म में गहनों का काफी महत्व है.
ये गहने महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। इसके अलावा दैवीय शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती है यह वास्तु शास्त्र के अनुसार पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता हैं।

पहले पायल पहनने का रिवाज सिर्फ शादी के बाद ही था, लेकिन आजकल फैशन के तौर पर लड़कियां शादी से पहले ही पायल पहनने लग जाती है. दरअसल, भारतीय परंपराओं में पायल पहनने का महत्व है. हिंदू महिलाएं शादी के बाद बहुत से श्रृंगार करती हैं, जिनके पीछे धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी है. माना जाता है कि पायल पहनना शादी के बाद महिलाओं की सुहाग की निशानी होती है, लेकिन इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

पायल पहनने से हड्डियां होती है मजबूत-
रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि पायल सुहाग की निशानियों में एक होती है, लेकिन इसका वैज्ञानिक कारण काफी हैरान कर देने वाला है. दरअसल, पैरो में पायल पहनने से हड्डियां मजबूत होती हैं. यानी भले ही धार्मिक मान्यता है कि शादी के बाद महिलाओं को पायल पहननी चाहिए, लेकिन कुंवारी लड़की भी ऐसे पहन सकती हैं. क्योंकि इसके कई फायदे हैं.

जानें-पायल पहनने से कैसे होती हड्डिया मजबूत-
दरअसल, माना जाता कि जब पायल पैरों में रगड़ती हैं तो त्वचा के माध्यम से इसके तत्व हड्डियों को मजबूत करते हैं. इसके अलावा मान्यता है कि शादी के बाद प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला के पैर में सूजन आ जाए तो इससे वह भी दूर हो सकती है.

पायल पहनने से मिलते हैं ये फायदे-
कहा यह भी जाता है कि महिलाओं के पैरों में जमा होने वाली वसा भी पायल पहनने से नियंत्रित रहती है. इसके अलावा इससे पहनने से महिलाओं की इच्छा शक्ति मजबूत होती है. इसलिए महिलाओं को अपनी परवाह किए बिना पूरे परिवार को साथ लेकर चलती है।