गिरगिट की तरह भारत की ये झील दिन में कई बार बदलती है रंग,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है। भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो देश और विदेश के पर्यटकों को खूब भाती हैं। हिमाचल प्रदेश की इन्हीं जगहों में शामिल है दुर्गम जिला लाहौल-स्पीती। पर्यटकों को खूबसूरत वादियां, ग्लेशियर और ऊंचे पहाड़ अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां की प्राकृतिक सुदरता देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। यहां की बेहद खूबसूरत झीलें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र हैं।

चंद्रताल झील माना जाता है कि यहां पर स्थित बेस्ट कैम्पिंग साइट है। आपको प्रकृति के बेहद करीब यहां आकर पर्यटक महसूस करते हैं। इस झील को द मून लेक के नाम से भी जाना जाता है। सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही यहां पर बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो जाता है जिसकी वजह से यह स्थान तीन से चार महीने तक के लिए बंद कर दिया जाता है। दुनिया की सबसे खूबसूरत झीलों में शुमार चंद्रताल लेक समुद्रतल से 14100 फीट की उंचाई पर स्थित है।

इसलिए खास मान जाती है यह झील…
इस झील को ‘मीठे पानी की झील’ के नाम से भी लोग जानते हैं। यह झील लाहौल-स्पीति के स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक महत्व भी रखती है। इस झील के पानी के बारे में जानेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे। इस झील की खासियत है कि इसका पानी दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है।

यह एक टापू पर है जिसकी वजह से अर्धचांद की तरह दिखाई देती है जिसकी वजह से लोग इसे द मून लेक यानी चांदी की झील भी कहते हैं। कहा जाता है कि झील का यह क्षेत्र कभी स्पीति और कुल्लू जाने वाले तिब्बत और लद्दाखी व्यापारियों का महत्वपूर्ण स्थान था। अब यह झील पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह झील स्पीति और कुल्लू घाटी से कुछ ही दूरी स्थित है। इस झील का पानी इतना साफ है कि शीशे की तरह चमकता है।