घर में तुलसी का पौधा होने से बचा जा सकता हैं रोगों से

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हिन्दू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है तुलसी को भी देवी की तरह पूजा जाता है | पूजा में तुलसी का उपयोग होता है | तुलसी हर किसी के घर के बहार या आँगन में पाई जाती है | तुलसी से कई रोग का भी उपचार किया जाता है | आयुर्वेद दवाओं में तुलसी का अपयोग होता है | अगर हम घर में कोई घरेलु नुक्सा बनाते हैं तो उसमे तुलसी का उपयोग बहुत होता है | त्वचा के लिए, सेहत के लिए तुलसी बहुत फायदेमंद होती है | कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता उस घर में देवी देवता भी रहना नहीं पसंद करते। एकादशी के दिन तुलसी की पुजा भी की जाती है। तुलसी को घर के आँगन में रखने से सुख समृद्धि आती है।

 

आइये जानते है तुलसी के बारे में कुछ और बातें ,एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा है। यह झाड़ी के रूप में उगता है और 1 से 3 फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ 1 से 2 इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं | वर्षा रितु में गुलाबी या बैंगनी रंग के दिल के आकार के चक्र में फूल आते हैं। शीत रितु में यह फूलते हैं। तुलसी के पौधे की उमर दो से तीन साल होती है। उसके बाद वह वृद्ध हो जाता है और टहनियाँ सूखी हुई नजर आती है।

 

आज कल लोगों को बहुत सी बीमारियां हो रही हैं जिसके वजह से डाक्टरों के पास बार बार जाना पड़ता हैं और उनके बहुत पैसे खर्च हो जातें हैं |अगर घर में तुलसी का पौधा लगा हो तो बहुत सी बिमारिओं का उपचार किया जा सकता हैं और डॉक्टर के पास जाने से और पैसों की बर्बादी होने से बचा जा सकता हैं आइये जानते हैं तुलसी के कुछ महत्वपूर्ण फायदे :-

 

खांसी-जुकाम में तुसली से फायदा :-

 

तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को थोडी- थोडी देर पर अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है।

 

त्वचा का रोग दूर कर रूप निखारे:-

आज कल लोगों को त्वचा के बहुत से रोग होते हैं | तुलसी में थाइमोल तत्व पाया जाता है, जो त्‍वचा रोगों को दूर करने में मददगार होता है। तुलसी और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की रंग निखरता हैं | दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। तुलसी की ताजा पत्तियों को संक्रमित त्वचा पर रगडे। इससे इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता।

तनाव में फायदा करती हैं :-

 

तुलसी में तनावरोधी गुण भी पाए जाते हैं। कई शोध तनाव में तुलसी के लाभ के बारे में पुष्टि कर चुके हैं। रोजाना तुलसी के 10-12 पत्तों का सेवन करने से मानसिक दक्षता और तनाव से लड़ने की आपकी क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।

सिरदर्द में आराम प्रदान करती है:-

 

तुलसी मांसपेशियों को आराम दिलानेवाली मेडिसिन की तरह काम करती है।तुलसी की पत्तियों को पहले कूट लें और फिर ऊपर से थोड़ा सा चन्दन का पाउडर डालकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपने माथे पर लगा लें। यह डिप्रेशन और टेंशन के कारण हुए सिरदर्द में तुरंत राहत प्रदान करेगी।
या फिर, दिन में दो बार तुलसी की चाय का सेवन करें। चाय बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में कुछ पत्तियों को डालें और फिर कुछ देर के लिए इसे उबलने दें। अब इस चाय को छानकर पी लें।
छोटा-मोटा सिरदर्द होने पर आप तुलसी की पत्तियों को चबाकर या सीधे माथे पर मलकर भी आराम प्राप्त कर सकते हैं।

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है:-

ताजा तुलसी की पत्तियों का नियमित सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कई शोधों से यह पता चला है कि तुलसी में ऐसे कई केमिकल कंपाउंड्स होते हैं जो शरीर की इन्फेक्शन-फाइटिंग एंटीबाडीज को 20 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं। अच्छा रिजल्ट पाने के लिए हमेशा ताजा तुलसी की पत्तियों का सेवन करें।

 

आँखों के रोशनी बढ़ाने में फायदा करती हैं :-

 

आंखों की रोशनी को ठीक रखने के लिए विटामिन ए की जरूरत होती है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए। सिर्फ 100 ग्राम तुलसी की पत्तियों में ही हमारी रोज की विटामिन ए की जरूरत का हिस्सा मौजूद होता है।

 

गुर्दे की पथरी को निकालने में मदद करती है:-

 

तुलसी किडनी के कामकाज को ठीक करती है और गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) को बाहर निकालने में मदद करती है।किडनी को स्वस्थ रखने के लिए रोज खाली पेट 5-6 तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। यदि आपको पथरी है तो तुलसी के जूस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करें। इसे लगातार 4-5 महीनों के लिए रोज सेवन करें। यह पथरी को मूत्र मार्ग के जरिये बाहर निकालने में मदद करेगी।तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। आप तुलसी को शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन कर सकते हैं इससे भी आपको फायदा मिलेगा |

 

मुंह को स्वस्थ रखती है:-

 

मुंह को स्वस्थ रखने के लिए भी तुलसी फायदेमंद होती है। यह मुंह की बदबू, पायरिया और अन्य मसूड़ों की बिमारियों को खत्म करने में मदद करती है। तुलसी की कुछ ताजा पत्तियों को दो दिन के लिए धूप में सुखाएं। जब यह पत्तियां सूख जाएँ तो इनको पीसकर पाउडर बना लें। अब इस पाउडर से दांतों में ब्रश करें। आप इसमें सरसों का तेल मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अपने मसूड़ों की मालिश भी करें।तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है।

 

 

पेट की समस्याओं को दूर करती है:-

 

तुलसी हमारे पाचन तंत्र के लिए भी लाभदायक होती है। इसका जूस पेट के दर्द और ऐंठन को ठीक करने के लिए काफी लाभदायक होता है।तुलसी के जूस और अदरक के जूस को बराबर मात्रा में मिलाकर पी लें। यह पेट दर्द में तुरंत राहत प्रदान करेगा | आप तुलसी की पत्तियों की चाय सेवन करके भी पेट की विभिन्न समस्यायों जैसे कब्ज, अपच, बवासीर और एसिडिटी का इलाज कर सकते हैं।

 

कान में दर्द में रहत देती हैं:-

 

कान में दर्द तुलसी के पत्तों को सरसों के तेल में भून लें और लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल लें। दर्द में आराम मिलेगा।

 

तुलसी का उपयोग आप जितना करेंगें नियमितरूप से आप रोग से बचे रहेंगे क्यों कि तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है जिसकी वजह से हमारे शरीर में ताकत होती हैं रोगों से लड़ने की |