चीन को जवाब देने के लिए हिंद महासागर में साथ आएं भारत-इंडोनेशिया

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रीटा डेस्क :प्रधानमंत्री मोदी 3 देशो के यात्रा के पहले पड़ाव पर इंडोनेशिया पहुंच चुके हैं .प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो से मर्डेका पैलेस में मुलाकात की . माना जा रहा है की कूटनीतिक रूप से मोदी का ये मास्टरस्ट्रोक हो सकता है .चाइना को काउंटर करने के लिए भारत और इंडोनेशिया ने इंडोनेशियाई नौसेना बंदरगाह विकसित करने की योजना के साथ चीन को काउंटर करने के संकेत भी दिए है .मोदी और विदोदो ने भारत-इंडोनेशिया के बीच रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाने की बात भी कही है .भारत और इंडोनेशिया के बीच 15 MoUs पर साइन भी हुए हैं .

दरअसल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपने वर्चस्व को लगातार बढ़ने का प्रयास कर रहा हैं जिसे रोकने के लिए भारत कदम उठा रहा हैं .आसियान देश भी चाहते हैं कि भारत इस इलाके में बढ़ी भूमिका अदा करे और आक्रामक चीन को काउंटर करे. इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी इस बात पर फोकस कर रहे हैं.

इंडोनेशिया का सबांग बंदरगाह अपनी भौगोलिक खासियत के कारण सामरिक रूप से अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है। यह द्वीप सुमात्रा के उत्तरी छोर पर है और मलक्का स्ट्रैट के भी करीब है। यदि सामरिक लिहाज से देखा जाए तो सबांग द्वीप के इस बंदरगाह की गहराई करीब 40 मीटर है। इतनी गहराई में पनडुब्बियों समेत हर तरह के सैन्‍य जहाजों को यहां आसानी से उतारा जा सकता है। इसके लिए यह बंदरगाह बहुत उपयुक्त माना जाता है। चीनी विस्‍तारवादी नीति के कारण आरंभ से ही चीन की नजर इस बंदरगाह पर टिकी है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते समुद्री प्रभाव पर चिंताओं और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों (ASEAN) एसोसिएशन के साथ मजबूत संबंधों को विकसित करने की मोदी की “एक्ट ईस्ट” नीति का हिस्सा है.आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा की चाइना को काउंटर करने के लिए भारत का यह कदम कितना कारगर होगा .