छोटी-मोटी चूक इष्ट देव को नाराज कर देगी

mob-banner>सूर्यदेव को शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए, इससे आपका सूर्य कमजोर होता है|
>मान्यता है कि शिव, गणेश और भैरव देव को तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए|
>तुलसी के पत्ते और दूब यानी दूर्वा रविवार को नहीं तोड़नी चाहिए, इससे ग्रहदोष लगता है|
>रात में तुलसी न तोड़ें. अगर तोड़ना जरूरी हो तो पहले तीन बार ताली बजाकर फिर तुलसीदल तोड़ें.बालमुकुंद या बालगोपाल को रोज तुलसीदल चढ़ाना पूजा को सार्थक बनाता है|

>भगवान के स्नान से बचा हुआ पानी तुलसी के पौधे को न चढ़ाएं, इसे किसी गमले में डाल सकते हैं|
>बिना स्नान किए तुलसी का पत्ता तोड़ने से बचें. ये तुलसीदल भगवान स्वीकार नहीं करते हैं|
>पीपल के वृक्ष में बुधवार और रविवार को जल अर्पित नहीं करना चाहिए|
>घर के मंदिर या जहां भी भगवान स्थापित कर रखे हों, वहां एक दिया घी और एक दिया तेल का जलाएं|
>गंगाजल तांबे के बर्तन में ही भरकर रखें, प्लास्टिक या लोहे-एलुमीनियम के बर्तन में न रखें, इससे गंगाजल की पवित्रता और असर कम हो जाता है|